उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की और पूछा कि उन्होंने इस मामले में बंबई उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं किया. न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ को बागी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन के कौल ने बताया कि विधायक दल का उद्धव ठाकरे समूह ‘अल्पमत’ में है और ‘राज्य की व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है.कौल ने कहा कि मुंबई में इन विधायकों के लिए माहौल अनुकूल नहीं है क्योंकि उन्हें धमकी दी गई है. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के नबाम रेबिया मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला दिया और कहा कि विधानसभा के उपाध्यक्ष को विधायकों की अयोग्यता मामले को आगे बढ़ाने का अधिकार नहीं हैं, क्योंकि खुद उन्हें हटाने की याचिका लंबित है. कौल ने कहा कि 39 विधायक अल्पमत समूह के खिलाफ हैं.
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