धनबाद अग्निकांड में 10 महिलाएं 3 बच्चे 1 बुजुर्ग पुरुष अब तक 14 की मौतें हो चुकी हैं। मरने वाले सभी एक ही कायस्थ परिवार के हैं। आशीर्वाद ट्विन टावर के जिस घर में आग लगी, वहां बेटी की शादी थी। जब हादसा हुआ, उस समय घर से 500 मीटर दूर सिद्धि विनायक मैरिज हॉल में इसी परिवार की बेटी स्वाति की शादी की रस्में चल रही थीं। वहां का माहौल बिल्कुल अलग था, सिर झुकाए लड़की के पिता बैठे थे और दुल्हन शादी की रस्में निभा रही थी। दुल्हन को विदाई तक पता ही नहीं था कि उसका पूरा परिवार अब इस दुनिया में नहीं रहा।
स्वाति के पिता सुबोध श्रीवास्तव मंडप के पास एक कुर्सी में बैठे हुए हैं, लेकिन चाह कर भी कन्यादान की रस्म को पूरा नहीं कर पा रहे। इस रस्म को स्वाति के एक भाई ने पूरी की है। पिता की डबडबाई आंखें बिना पूछे सब बात कह दे रही हैं।
अब वो समय आ चुका था, जब बेटी को घर से विदा करना था। मैरिज हॉल का माहौल देखकर सभी सिहर उठे। वहां का माहौल शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल था। शादी की तमाम रस्में लगभग 2:30 बजे रात पूरी होती हैं। इसके बाद से परिवार वाले इसी मंथन में लगे होते हैं कि विदाई कैसे कराई जाए। सभी कह रहे थे कि कई बहाने बनाकर मां की उपस्थिति के बिना शादी की रस्म तो पूरी हो गई लेकिन विदाई मुश्किल होगी। इसी उधेड़बुन में रात बीत जाती है।
सुबह के 5:00 बज रहे होते हैं और विदाई की रस्में शुरू होती हैं। इस दौरान स्वाति की सूनी आंखें बता रही होती है कि सब कुछ ठीक तो नहीं है, इस बात का उसे एहसास हो गया है।

