रेलवे के प्रिंटिंग प्रेस अब बंद हो जाएंगे. रेलवे ने कागज के आरक्षित और अनारक्षित टिकट तथा रसीद को छापने वाले पांच प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का निर्णय ले लिया है. टिकट और रसीद की छपाई का काम अब आउटसोर्स होगा. धीरे-धीरे चरणबद्ध ढंग से टिकटों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा.
धनबाद ; रेलवे के प्रिंटिंग प्रेस अब बंद हो जाएंगे. रेलवे ने कागज के आरक्षित और अनारक्षित टिकट तथा रसीद को छापने वाले पांच प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का निर्णय ले लिया है. टिकट और रसीद की छपाई का काम अब आउटसोर्स होगा. धीरे-धीरे चरणबद्ध ढंग से टिकटों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा. रिजर्वेशन और टिकट का पूरा काम डिजिटल कर दिया जाएगा. रेलवे बुकिंग कर्मियों को दूसरे विभाग में समाहित किया जाएगा. फिलहाल धनबाद में ऑनलाइन टिकट लेने वाले यात्रियों की संख्या लगभग 81% है, जबकि 19% यात्री आज भी काउंटर से टिकट ले रहे हैं.
15% यात्री अभी भी काउंटर से टिकट ले रहे
देशभर के आंकड़े की बात करें तो 15% यात्री अभी भी काउंटर से टिकट ले रहे हैं. ऑनलाइन टिकट लेने वालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे कागज वाला टिकट बंद करना चाहता है और यह फैसला लिया गया है. 2017 में ही तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने की मंशा जताई थी. कहा था कि सरकार टिकट प्रिंटिंग का काम थर्ड पार्टी को देना चाहती है. रेलवे के कुल 14 प्रिंटिंग प्रेस थे, जिनमें से 9 को बंद करने का फैसला पहले ही ले लिया गया है. लेकिन मुंबई ,हावड़ा, दिल्ली ,चेन्नई और सिकंदराबाद प्रिंटिंग प्रेस चल रहा था.
अब रेलवे में कागज के टिकट नहीं दिखेंगे
रेलवे बोर्ड ने 3 मई को लिखे पत्र में जोनल कार्यालयों को बताया है कि सभी प्रिंटिंग प्रेस को बंद किया जाएगा. प्रेस को बंद करने का फैसला सैद्धांतिक रूप से पहले ही लिया गया था लेकिन अब इसे पूरी तरह से बंद करने का निर्णय ले लिया गया है. वैसे करोना के बाद रेलवे ने अपने कई नियम में परिवर्तन किए हैं. कई बदलाव किए हैं .रेल यात्रा अब सस्ती नहीं रह गई है लेकिन आने जाने वालों के लिए रेलवे ही अभी सबसे अधिक भरोसेमंद साधन है. रेलवे के इस निर्णय का यात्रियों को लाभ मिलेगा या परेशानी होगी, इसका तो पता आगे चलेगा लेकिन इतना तो तय है कि अब रेलवे में कागज के टिकट नहीं दिखेंगे. धीरे-धीरे ही सही इसे पूरी तरह से बंद कर देने का खाका तैयार कर लिया गया है और रेलवे इसे अमलीजामा पहनाने की ओर आगे भी बढ़ गया है.
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मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना
रेलवे स्टेशन के पास खोला सहायता केन्द्र