SPG Commando: एसपीजी में सीधी भर्ती नहीं होती है।
देश के प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा में तैनात कमांडो एसपीजी (SPG Commando) से होते हैं। यह देश की सबसे खास और स्पेशल फोर्स है, जो प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात होते हैं। इस फोर्स में शामिल होना बहुत बड़ी बात होती है, क्योंकि यह एक बहुत बड़ी पोस्ट होती है। इस फोर्स में लोग कड़ी मेहनत करने के बाद भर्ती हो पाते हैं। इस पद के लिए स्पेशल ट्रेनिंग कराई जाती है, जो देश की सबसे कठिन ट्रेनिंग में से एक है। यदि आप भी एसपीजी (SPG) कमांडो बनना चाहते हैं तो यहां पर हम आपको बताएंगे कि आप एसपीजी कमांडो कैसे बन सकते हैं, इनकी ट्रेनिंग किस तरह से होती है और इन्हें सैलरी क्या मिलती है।
एसपीजी का गठन कब और क्यों हुआ?
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जब उनके ही सुरक्षा कर्मियों द्वारा हत्या कर दी गई, तब केंद्र सरकार को एक समर्पित बल जुटाने की आवश्यकता महसूस हुई, जो देश के वर्तमान और पूर्व प्रधान मंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा कर सके, जिसके बाद 2 जून 1988 में भारत के एक संसद के अधिनियम द्वारा इस स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) का गठन किया गया। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह सुरक्षा मौजूद प्रधानमंत्री व उनके परिवार के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री व उनके परिवार को एक साल के लिए दिया जाता है। इसके अलावा खतरे के अनुसार इसे बढ़ाया भी जा सकता है।
एसपीजी में नहीं होती सीधी भर्ती
देश के किसी अन्य सैन्य बल की तरह एसपीजी में सीधी भर्ती नहीं होती है। इसमें वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों की भर्ती भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से की जाती है। एसपीजी के जवान हर साल ग्रुप में बदलते हैं। कोई भी व्यक्ति एक वर्ष से अधिक समय तक सेवा नहीं दे सकता है। एसपीजी कर्मियों को उनका कार्यकाल पूरा करने के बाद उनकी मूल इकाई में वापस भेज दिया जाता है। जिसके बाद फिर से गृह मंत्रालय द्वारा इन संगठनों को एक रिक्ति सूची भेजी जाती है। सूची तब पदानुक्रम को इकाइयों के अगले निचले स्तरों पर अग्रेषित करती है। एसपीजी में विभिन्न पदों के लिए कई कर्मी इसके माध्यम से आवेदन करते हैं।
चयन प्रक्रिया में गुजरना पड़ता है कई टेस्ट से
एसपीजी में आन के लिए उम्मीदवारों को एसएसबी की तरह कई चयन प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। इनका पीआई, साइक और फिजिकल टेस्ट होते है। चयन प्रक्रिया का पहला चरण आईजी (इंस्पेक्टर जनरल), दो डिप्टी आईजी और दो सहायक आईजी रैंक के आईपीएस अधिकारी द्वारा आयोजित एक व्यक्तिगत साक्षात्कार से होता है। साक्षात्कार के बाद, एक शारीरिक परीक्षा, एक लिखित परीक्षा और एक मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन आयोजित किया जाता है। जिनमें सफल होने वाले उम्मीदवारों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है।
एसपीजी की ट्रेनिंग (SPG Commando Training)
एसपीजी में आने वाले उम्मीदवार पहले से ही स्पेशल फोर्स में कार्य कर चुके होते हैं ओर उनके पास अनुभव भी होता है। हालांकि इसके बाद भी चयनित उम्मीदवारों को वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। ये वही ट्रेनिंग है जो यूनाइटेड स्टेट सीक्रेट सर्विस एजेंट्स को दी जाती है। इसमें जवानों को फिट, चौकस और टेक्नोलॉजी में परफेक्ट बनाया जाता है। देश के प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी होने के नाते एसपीजी का एक-एक कमांडर वन मैन आर्मी होता है। इसके बाद इन्हें तीन महीने के लिए निगरानी पर रखा जाता है। जिसमें एक साप्ताहिक परीक्षा भी शामिल है। प्रोबेशन में फेल होने वालों को अगले बैच में एक और मौका दिया जाता है और अगर वे फिर भी इसे क्लियर नहीं कर पाते हैं तो उन्हें मूल यूनिट में वापस कर दिया जाता है। एसपीजी सदस्यों को नियमित रूप से एक ड्यूटी से दूसरी ड्यूटी में घुमाया जाता है।
एसपीजी कमांडो का कार्य
एसपीजी का मुख्य कार्य है कि प्रधानमंत्री जहां भी जाएं, उनकी सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करे। चाहे वह घरेलू दौरा हो या फिर विदेशी दौरा। इसमें तोड़फोड़ रोधी जांच, स्थानों की सफाई और व्यक्तिगत सुरक्षा विवरण आदि सब कुछ शामिल होता है। प्रधानमंत्री से मिलने वाले लोगों की संख्या, कार्यक्रम की पूरी जानकारी रखना, प्रधानमंत्री के फोन कॉल का जवाब देना, उनका टाइम टेबल बनाना व उनके लिए वाहनों का निर्धारण करना एसपीजी का कार्य है। एसपीजी पीएम के चारों ओर कई सुरक्षा घेरे बनाकर उनकी रक्षा करती है। इस सुरक्षा घेरे के सबसे अंदर रहने वाले सदस्यों का कार्य होता है कि वे किसी भी हमले में प्रधानमंत्री को सुरक्षा देते हुए उन्हें वहां से निकालें। यही उनका एकमात्र मिशन होता है। वहीं एसपीजी काउंटर असॉल्ट टीम आमतौर पर दूसरे घेरे को कवर करती है। इनका कार्य पीएम की सुरक्षा के लिए कवरिंग फायरपावर प्रदान करने का काम सौंपा जाता है। इसमें तीसरे घेरा भी कार्य करता है। जिसमें एसपीजी के अलावा एनएसजी, आईएएफ भी शामिल होते हैं। वहीं आखिरी घेरे में एसपीजी के साथ मुख्य तौर पर लोकल पुलिस बल होता है। जिनका मुख्य कार्य भीड़ को सभांलना होता है।
एसपीजी कमांडो की विशेषता
1. एसपीजी कमांडो हर समय एक खास सूट में रहती है। इन सूट के साथ उन्हें FNF-असॉल्ट से लैस किया जाता है। इसके साथ उनके पास एक फुल्ली ऑटोमैटिक गैन भी होती है।
2. एसपीजी के कमांडो अपनी सुरक्षा के लिए एल्बो और नई गार्ड पहने हुए होते हैं।
3. इन कमांडो का जूता बेहद हाई क्वालिटी का होता है, जो उन्हें फिसलन से बचाने के अलावा चलने में मदद करता है।
4. इनके ग्लब्स बेहद मजबूत होते हैं, वे उनके हाथों में किसी तरह की चोट से बचाते हैं।
5. एसपीजी कमांडो के चश्में भी अलग होते हैं, वे लोगों पर निगरानी रखने में मदद करने के अलावा लड़ते समय भी मदद करते हैं।
6. SPG के जवान हाई ग्रेड बुलेटप्रूफ वेस्ट पहने होते हैं, जो लेवल-3 केवलर की होती है। इसका वजन 2.2 किग्रा होता है और यह 10 मीटर दूर से एके 47 से चलाई गई 7.62 कैलिबर की गोली को भी झेल सकती है।
7. ये कमांडो अपने साथियों से बात करने के लिए कान में लगे ईयर प्लग या फिर वॉकी-टॉकी का सहारा लेते हैं।
8. एसपीजी सुरक्षा के कमांडो के पास एक स्पेशल ब्रीफकेस होता है। ये ब्रीफकेस जैसा दिखने वाला एक पोर्टेबल बुलेटप्रूफ शील्ड होता है। ये पूरी तरह खुल जाता है और रक्षा कवच का काम करता है।
एसपीजी कमांडो की सैलरी (SPG Commando Salary)
Salary (approx.) – Rs. 84,236, Rs 239,457
Bonus (approx.) –Rs. 153- Rs 16,913
Profit Sharing (approx.) – Rs. 2.04 – Rs 121, 361
Commission (approx.) – Rs 10.000
Total Pay (approx.) – Rs. 84,236 – 244,632
अन्य सुविधाएं
जो एसपीजी कमांडो ऑपरेशन ड्यूटी पर तैनात किये जाते है। उन्हें सालाना 27, 800 रुपये और जो ऑफिसर्स नॉन ऑपरेशन ड्यूटी करते हैं उन्हें सालाना 21,225 रूपये का ड्रेस भत्ता अलग से मिलता है।
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