बालु उठाव को लेकर बरनार नदी पर बने बलथर पुल का अस्तित्व खतरे में

जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट








जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बालू उठाव की स्वीकृति मिलते ही एनएच 333ए सोनो खैरा मार्ग पर बने बलथर पुल का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। संवेदक द्वारा मनमाने तरीके से पुल के पिलर के नजदीक की मिट्टी निकाल कर वहां से बालू ढुलाई के लिए सड़क बनाई जा रही है।

इस कारण बरनार नदी के ऊपर बने इस पुल का पिलर कमजोर हो रहा है।इस और ना तो खनन विभाग की नजर है और ना ही प्रखंड प्रशासन का ध्यान। अगर इसे नहीं रोका गया तो पुल के गिरने का भी खतरा हो सकता है। लिहाजा खैरा प्रखंड के केंदुआ गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर मामले में कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि केंदुआ खैरा बालू घाट में संवेदक व उसके गुर्गे द्वारा बालू उठाव एवं ट्रकों की आवाजाही हेतु पुल के प्रथम पिलर के पास मिट्टी एवं कंक्रीट से भरे हुए पिलर के भाग को पोकलेन एवं जेसीबी मशीन से चार फिट

गहरा कटाई की जा रही है जिससे पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है।वहीं पुल के क्षतिग्रस्त होने पर जमुई खैरा सोनो मार्ग अवरुद्ध हो जाएगा।वहीं पुल एवं सिंचाई पइन के समीप मनमाने एवं गलत जगह पर बालू उठाव का चयन करने से पुल टूटने के साथ ही किसानों के समक्ष सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो जाएगी, जिससे हजारों एकड़ सिंचित भूमि भविष्य में बालूबुर्द हो जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक द्वारा पिछले 30 जून के पूर्व किए गए बालू उठाव में 10-12 फीट से ज्यादा गहरा गड्ढा किया गया जिसमें कई घटनाएं भी घटित हो चुकी है। संवेदक द्वारा फिर से मनमानी की जा रही है जिससे यहां के ग्रामीणों एवं किसानों में काफी रोष है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मामले की सत्यता की जांच कराकर तत्काल बालू उठाव पर रोक लगाने की मांग की है। गौरतलब हो कि नरियाना व मांगोबंदर पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद से इस मार्ग पर एक दशक से भारी वाहनों का परिचालन बंद है। वही बालू संवेदक की इस मनमानी से इस एकमात्र सुरक्षित पुल पर भी खतरा मंडराने लगा है।मौके पर मनोज कुमार उर्फ गुड्डू, जितेंद्र कुमार, काजू सिंह, त्रिपुरारी सिंह, संदीप सिंह, जितेंद्र कुमार, मुरारी सिंह, अंजन कुमार,राजू सिंह, संजीव कुमार, संतोष कुमार सिंह, राहुल सिंह आदि मौजूद थे।

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