जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बालू उठाव के कारण यूं तो सोनो के लिए जाम की समस्या नियति बन गई है पर सोमवार देर रात ग्यारह बजे से लगा जाम इतना भयंकर था कि प्रखंड से होकर गुजरने वाली दोनों हाईवे गाड़ियों से खचाखच भरी थी। एनएच 333 के झाझा चकाई मार्ग पर पंचपहाड़ी से लेकर औरैया तक तकरीबन 15 किलोमीटर तक सिर्फ गाड़ियां ही गाड़ियां नजर आ रही थी।
इनमें अधिकांश बालू लदे ट्रक या फिर बालू उठाव के लिए आने वाले ट्रक ही थे। यही स्थिति एनएच 333ए सोनो खैरा मार्ग पर बलथर पुल से लेकर सोनो चार किलोमीटर तक बनी हुई थी। छोटी गाड़ियां, बाइक तो दूर इस हाईवे पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा था। इस दौरान इन मार्गों पर गाड़ियां रेंग रही थी और जो वाहन चालक जाम से बाहर निकल रहे थे उनके चेहरे पर जंग जीतने के समान खुशी दिखाई पड़ रही थी।
जाम इतनी लंबी थी की सवारी अपने सामान को कंधे पर लादे पैदल ही चलने को मजबूर थे सोचते थे जितनी देर में यह जाम टूटेगा और हम गाड़ी से गंतव्य तक पहुंचेंगे उससे पहले ही हम पैदल अपने गंतव्य पर पहुंच जाएंगे जिस कारण कई लोग पैदल ही गाड़ी से उतर कर भागते देखे गए कुछ लोगों का तो ऑफिस पहुंचने में लेट हो गया तो किसी को कोर्ट पहुंचने में देरी हुई । सारे लोग प्रशासन को कोस रहे थे और सरकार को भी ना यह बालू चालू होता और ना यह जाम की स्थिति बनती और ना आज हमारा काम बिगड़ता ।
सोमवार देर रात से शुरू हुई यह स्थिति मंगलवार दिन भर बनी रही। इस दौरान यात्री वाहनों के साथ ही स्थानीय लोग, दुकानदार, स्कूली बच्चे भी परेशान रहे। स्थिति ऐसी रही कि कई स्कूल की गाड़ियां आज बच्चे को लाने के लिए उसके घर तक नहीं पहुंच पाई और जो पहले पहुंच भी गई उन बच्चों को छुट्टी होने के बाद वह घर छोड़ने के लिए नहीं जा पाए शायद यह आलम अब अगले 3 माह तक इसी तरह बरकरार रहेगा यही सोचकर बच्चों के घर वाले भी परेशान देखे जा रहे हैं । बच्चों के माता-पिता खुद बच्चों को लेने के लिए भागते देखे गए । हालांकि थानाध्यक्ष अब्दुल हलीम जवानों के साथ जाम हटाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन बालू उठाव के कारण इन मार्गों पर खासकर ट्रकों का इतना दबाव था कि उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी। काफी प्रयास के बाद यदि किसी और जाम हटता तो वहीं दूसरी और तब तक जाम लग रहा था। गौरतलब हो कि बरनार नदी के मानधाता , बलथर, जुगड़ी आदि घाटों से बालू का उठाव प्रारंभ हुआ है इस कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों से बालू लेने के लिए बड़ी संख्या में ट्रक यहां आ रहे हैं जिससे आए दिन जाम की स्थिति बन रही है।
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जाम में फंसी एम्बुलेंस,मरीज की बिगड़ी तबीयत
—– तेरुखा के आटो चालक दिनेश पासवान ने बताया कि वह एक गर्भवती महिला को लेकर सोनो अस्पताल आ रहे थे लेकिन तेरुखा से एक किलोमीटर की दूरी तय करने में तीन घंटे का समय लग गया।इस दौरान मरीज की स्थिति खराब हो रही थी।तिलवरिया का मु मुख्तार छत से गिरकर बुरी तरह घायल हो गया था। स्वजन उसे इलाज के लिए सोनो स्थित एक निजी नर्सिंग होम ला रहे थे, पर जाम में चार घंटे फंस गए। इस दौरान मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी और वो दो बार बेहोश हो गया। किसी तरह अस्पताल पहुंचने पर उसकी जान बची। बालू के कारण लगने वाले जाम से समय पर मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे उसकी मौत भी हो सकती है। प्रशासन को इस जाम के स्थाई समाधान के लिए कारगर कदम उठाना होगा।