बालू लदे वाहनों के परिचालन से लोगों का जीना हुआ मुश्किल दुर्घटना की आशंका

जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट




जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत इन दिनों सोनो से गुजरने वाले एनएच 333 व 333 ए के किनारे रहने वाले लोगों के साथ ही राहगीरों की परेशानियां काफी बढ़ गई है। हवा के साथ उड़ने वाले धूलकण से लोग बेहाल हैं। खिड़की दरवाजा खुला रखने पर घरों में धूल भर रहा है तो वही बाइक सवारों और राहगीरों को अपना चेहरा ढक कर घर से निकलना पड़ रहा है।दरअसल बीएसएमसी द्वारा बालू खनन के लिए तीन महीने का अवधि विस्तार मिलने के बाद से ही सोनो के बरनार नदी के बलथर, मानधाता, जुगड़ी, सोनो,लिपटवा आदि घाटों से बड़े पैमाने पर बालू खनन किया जा रहा है। घाटों से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन बालू लेकर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाते हैं।इन वाहनों के द्वारा नियमों को

ताक पर रखकर बिना ढके ही बालू की ढुलाई की जाती है।वाहनों की तेज गति के कारण हवा के साथ उड़ने वाले बालू के छोटे छोटे कण ने स्थानीय लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। हालांकि संवेदक के द्वारा सड़क पर पानी डालने की खानापूर्ति तो की जाती है पर वाहनों की संख्या व उसकी तेज रफ्तार के कारण यह नाकाफी साबित हो रहा है। वही दूसरी और हवा के साथ उड़ने वाला धूलकण सांस रोग से पीड़ित लोगों के लिए भी गंभीर समस्या पैदा कर रहा है। गौरतलब हो कि खनन विभाग ने बालू की ढुलाई व इससे संबंधित प्रक्रिया के लिए गाइडलाइन जारी किया है। जारी गाइडलाइन के मुताबिक बिना ढंके बालू की ढुलाई नहीं हो सकती है पर सोनो में यह सब सिर्फ कागजों तक ही सिमटा है। हवा में मिले धूलकण हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पैदा करता है।यह हमारे फेफड़े, हृदय, मस्तिष्क, आंख सहित अन्य अंगों को प्रभावित करता है। डा अरविंद कुमार गुप्ता
सोनो

Related posts