ब्रेन स्ट्रोक के बाद इलाज के दौरान मौत मुकदमे के बाद से ही तनाव में था व्यवसाई, मृतक भी था आरोपित

जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट






जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बालू उठाव के कारण और सोनो में ग्रामीण प्रशासन की कार्यशैली से क्षुब्ध है।प्रशासन के प्रति उनकी नाराजगी बढ़ती ही जा रही है। जहां प्रशासन पर लोगों की हितों को दरकिनार कर संवेदक को संरक्षण देने का आरोप है तो वहीं गुरुवार रात को सोनो के एक व्यवसाई की मौत की खबर ने प्रशासन के प्रति उनकी नाराजगी और बढ़ा दी है। दरअसल सोनो के एक व्यवसाई कामेश्वर पांडेय(49) की मौत ब्रेन स्ट्रोक के कारण गुरुवार रात को पटना के आईजीआईएमएस में इलाज के दौरान हो गई। मूल रूप से खैरा के नीम नवादा के रहने वाले शांति पांडेय के पुत्र कामेश्वर पांडेय सोनो में ही रहकर कोयला का व्यापार करते थे और उन्हें भी बालू खनन के विरोध करने पर हुए मुकदमे में आरोपित किया गया था। शुक्रवार को मृतक की लाश उनके पैतृक घर खैरा थाना क्षेत्र के नीम नवादा लाया गया।उन पर बालू खनन में लगे पोकलेन व मोटरसाइकिल को क्षतिग्रस्त करने सहित कर्मचारियों के साथ मारपीट का आरोप है।मृतक के स्वजनों ने बताया कि झूठा मुकदमा व पुलिस गिरफ्तारी के भय से वो तनावग्रस्त व अवसाद में थे। झूठे मुकदमे के दबाव को वह सहन नहीं कर पाए। मंगलवार को अचानक वह बेहोश होकर गिर पड़े। आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए एक निजी नर्सिंग होम लाया गया जहां से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया।आइजीआइएमएस में गुरुवार रात को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। गौरतलब हो कि बरनार नदी के सोनो घाट से ग्रामीणों द्वारा बालू उठाव के विरोध में लगातार आंदोलन किया जा रहा है। विगत 22 अक्टूबर को संवेदक गोपाल कुमार सिंह ने 16 ग्रामीणों को नामजद करते हुए घाट संचालन में अवरोध उत्पन्न करने, मारपीट करने, रंगदारी मांगने, फायरिंग करने के आरोप में सोनो थाना में मुकदमा दर्ज करवाया था। इसी मुकदमे में मृतक को भी आरोपी बनाया गया था। संजय कुमार,मिथिलेश कुमार, कृष्णा सिंह,भैरव राय,कामदेव सिंह आदि ने बताया कि इस झूठे मुकदमे के कारण वह तनाव में थे। संवेदक और प्रशासन के तानाशाही रवैये ने एक व्यवसाई की जान ले ली।

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