जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत अपने मांगों के समर्थन में बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन(एटक) के राज्य संघ के निर्देश पर प्रखंड के आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं ने शुक्रवार को प्रतिवाद मार्च निकालते हुए स्थानीय बाल विकास परियोजना कार्यालय के समक्ष धरना दिया। धरना कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए प्रदेश सचिव सह जिला महासचिव अर्चना सहाय ने बताया कि आंगनबाड़ी सेविका सहायिका समाज के गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी बसर करने वाले परिवारों के बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही उन्हें कुपोषण से मुक्ति दिलाने का कार्य करती है। इनके काम का समय महज 4 घंटे निर्धारित है, पर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन की जिम्मेदारी भी आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं के कंधे पर है।लिहाजा उन्हें 8 से 10 घंटे काम करना पड़ता है। पर इसके बावजूद आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं को बहुत कम मानदेय दिया जाता है। सरकार हमें अनदेखा कर रही है। स्वतंत्र भारत में हमारे साथ गुलामों जैसा व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि संघ सरकार से आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं को राज्य कर्मी का दर्जा देने के साथ ही कम से कम 25000 मानदेय देने की मांग करती है। वही जिला सचिव श्वेता कुमारी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बिहार में भी ग्रेच्युटी भुगतान करने के साथ ही हड़ताल के बाद समझौते के आलोक में लंबित मांगों के निस्तारण की मांग की। मालती कुमारी ने स्थानीय आईसीडीएस कार्यालय पर सेविका सहायिकाओं के प्रति उदासीन रवैया बरतने का आरोप लगाया है। धरना के माध्यम से मांग पत्र भी सौंपा गया। इस दौरान संगीता कुमारी, पार्वती कुमारी, पिंकी कुमारी, रुखसार प्रवीण, गुलशन खातून, कुमारी उषा, चित्ररेखा, बाबी प्रवीण,डेजी कुमारी, मीरा पांडेय, बुलबुल, बंदना कुमारी, गीता पासवान, सविता कुमारी, दुलारी कुमारी, खुशबू कुमारी सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका उपस्थित थी।