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गया।बिहार भारतीय जनता पार्टी के गया नगर विधायक एवम पूर्व मंत्री बिहार सरकार डॉक्टर प्रेम कुमार ने कहा कि
एक ऐसे शख्स जिनका जन्म वैशाख पूर्णिमा को हुआ,जिन को ज्ञान की प्राप्ति वैशाख पूर्णिमा को हुई और उनका महापरिनिर्वाण भी वैशाख पूर्णिमा को हुआ है। जो जीते जी ही मानव से भगवान हो गए हैं।जिन्होंने राज पाट,परिवार को छोड़ धर्म को अपना जीवन बनाया है। सिद्धार्थ से भगवान बुद्ध बनने तक की एक लंबी यात्रा है। कहते हैं होनहार बिरवान के होत चिकने पात। यह सारे गुण बालक सिद्धार्थ में जन्म के समय से थे। सिर पर 7 जटाएं थीं। हम सब जिस धरती पर आज उनकी जयंती मना रहे हैं यह बुद्ध की धरती है। मोक्ष की धरती है। विष्णु की नगरी है। यह हमारा सौभाग्य है।
बुद्धा डे के नाम से वैशाख पूर्णिमा विश्व में प्रचलित है।
इस संबंध में कहा जाता है कि भगवान विष्णु के 9 अवतार हुए थे। 9वें अवतार हे भगवान बुद्ध।
35 वर्ष की आयु में वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल वृक्ष के नीचे सुजाता की खीर खाने के बाद बोध गया में ध्यान में इन्हे सिद्धि प्राप्त हुई और सिद्धार्थ से बुद्ध बन गए। 80 वर्ष की आयु तक अपने धर्म का प्रचार लोक भाषा पाली में करते रहे। पांच मित्रों को अपना शिष्य बना इन्होंने धर्म प्रचार में लगाया। उनके प्रिय शिष्य में एक थे आनंद।
हमें अपने जीवन में बुद्धम शरणम गच्छामि,धर्मं शरणं गच्छामि एवं संघम शरणम गच्छामि को अपनाकर अपना और समाज का कल्याण करना चाहिए। बुद्ध पूर्णिमा पर हमारे लिए,हमारे जीवन की यही सार्थकता होगी।डॉक्टर कुमार ने कहा उनका जीवन हम सभी के लिए आदर्श है। बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सभी बिहारवासियों एवम देशवासियों को हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं देता हुं! दिलीप पाण्डेय की रिर्पोट
सोनो(जमुई):- दस दिन बाद भी नहीं मिला कोई सुराग जमीन रजिस्ट्री करने गया बुजुर्ग निबन्धन कार्यालय चकाई से लापता
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