सोमवार तक 55 में 28 छात्राएं लौटी वापस कस्तूरबा छात्रावास

जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्टजिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रविवार को प्रबंधन पर अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए सोनो स्थित कस्तूरबा बालिका छात्रावास टाइप चार से अपने घर भागी 55 छात्राओं में से सोमवार शाम तक 28 छात्रा छात्रावास वापस लौट चुकी थी। वहीं हास्टल प्रबंधन पर छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सोमवार दोपहर को सर्व शिक्षा अभियान के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी डा कौशलेंद्र कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सीताराम दास के साथ सोनो पहुंचे। उन्होंने आरोपों की जांच के बाद बताया कि इस घटना में रसोईया व वार्डन की लापरवाही झलकती है।शनिवार की रात को एक रसोइया की तबीयत खराब हो गई थी। वहीं दूसरी रसोइया की लापरवाही से खाना नहीं बन पाया, जबकि स्टोर में सारा सामान पड़ा था। उन्होंने कहा कि सभी छात्राओं व उनके अभिभावकों को मोटिवेट किया गया है। सभी छात्राएं वापस लौट जाएंगी। छात्राओं पर खाना बनाने में सहयोग करने के लिए दबाब डालने के आरोप पर उन्होंने कहा कि छात्राओं पर खानाबनाने का दबाव डालना पूरी तरह गलत है,पर कस्तूरबा छात्रावास के नॉर्म्स के अनुसार उन्हें सीखाने के उद्देश्य से रोटेशन के आधार पर छात्राओं से मदद ली जा सकती है। दुकानदारों के बकाया राशि भुगतान के मामले में उन्होंने कहा कि छात्रावास के संचालन के लिए दुकानदारों का बकाया एक से डेढ़ माह तक रखा जा सकता है। उन सक्षम दुकानदारों से ही समान की खरीदारी की जाती है जो इन शर्तों को पूरा करते हों। दुकानदारों का जो भी बकाया है उसे भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने इसके लिए संचालक व अकाउंटेंट को निर्देशित किया।खाना नहीं मिलने व नाजायज वसूली का आरोप लगाते हुए भागी थी 55 छात्राएं । रविवार की अहले सुबह कस्तूरबा बालिका छात्रावास टाइप चार सोनो में रहने वाली कक्षा 9वी से 12वीं तक की सभी 55 छात्राएं खाना नहीं मिलने व इंटरमीडिएट आवेदन फार्म में नाजायज वसूली का आरोप लगाते हुए छात्रावास का गेट खोलकर भाग गई थी। छात्राओं ने हास्टल प्रबंधन पर अव्यवस्था का आरोप लगाया था। कहा था कि उन्हें समय पर खाना नहीं मिलता है। शनिवार रात को भी उन्हें खाना नहीं मिला। ऐसी घटना बार-बार होती है। प्रबंधन उन पर खाना बनाने में सहयोग करने का दबाव डालती है। छात्राओं ने इंटरमीडिएट आवेदन फॉर्म भरने में संचालक सह प्रभारी प्रधानाध्यापक पर नाजायज वसूली का भी आरोप
लगाया था। छात्राओं का आरोप था की प्रति छात्रा आवेदन फॉर्म भरने के नाम पर प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रशांत कुमार द्वारा 2200 रुपये की वसूली की गई है। जो कि सत्य है और छात्राओं को उसका रसीद भी नहीं दिया जाता है । ये तो सरासर मनमानी और धांधली है ।

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