जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
देश भर में चलाए जा रहे हैं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत बच्चों को किताबों में स्वच्छता का पाठ भले ही पढ़ाया जा रहा हो लेकिन विद्यालयों के इर्द-गिर्द कचरे का ढ़ेर लगा हुआ है। ऐसे में बच्चों को जब विद्यालय के सामने ही गंदगी का अंबार दिखेगा तो वह कैसे अपने जीवन में स्वच्छता का माहौल पैदा करेगा।शिक्षा के मंदिर में बच्चें बस किताबी शिक्षा से ही रूबरू हो रहे हैं लेकिन जगह-जगह गंदगी के अंबार से बेहतर माहौल नहीं मिल रहा है।कुछ ऐसा ही हाल है प्रखंड मुख्यालय स्थित आदर्श मध्य विद्यालय परिसर का। इस परिसर में ही आदर्श मध्य विद्यालय, प्लस टू परियोजना बालिका उच्च विद्यालय, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, संकुल संसाधन केंद्र, प्रखंड संसाधन केंद्र स्थित है। विद्यालय परिसर में गंदगी का अंबार लगा है। ऐसे में देश के नौनिहाल किस स्वस्थ वातावरण में कैसे पठन-पाठन करते होंगे, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। सबसे ज्यादा सोचने की बात यह है कि इस परिसर से सटे मार्ग से जिम्मेदारों का हमेशा आना जाना लगा रहता है परंतु फिर भी यहां पड़े कचरे पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। स्थानीय दुकानदारों ने इस परिसर को कूड़ेदान बना दिया है।यहां पड़े इस कचरे के ढेर से कई बीमारियां पनप रही है जिसकी चपेट में विद्यालय के बच्चे कभी भी आ सकते हैं। विद्यालय संचालित हो रहा है,बच्चे विद्यालय जा रहे हैं पर बच्चों को इस गंदगी के बीच से गुजर कर स्कूल में पढ़ने जाना पड़ता है। यहां से उठने वाली बदबू से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को काफी मुश्किलें पैदा होती है। खास बात यह है कि यहां कूड़ा भी वही लोग फैला रहे हैं जिनके घरों के बच्चे विद्यालय में पढ़ने आते हैं। उन्हें इस बात की जरा सी भी चिंता नहीं है उन्ही के बच्चे गंदगी के माहौल में रहकर बीमार पड़ सकते हैं।
विद्यालय परिसर को साफ-सुथरा रखने का प्रयास किया जाता है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है। विद्यालय परिसर में कूड़े के ढेर से उठने वाली बदबू से छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी होती है। स्थानीय दुकानदारों को इस बाबत कहा गया है,पर स्थिति नहीं सुधर रही है। प्रशासन से इसकी शिकायत की जाएगी। सुनील कुमार प्रधानाध्यापक आदर्श मध्य विद्यालय, सोनो