जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
कुछ जगहो पर मौसम की मार झेल रहे किसान अब धान फसल को समेटने के लिए भटक रहे हैं। फसल पककर खेतों में तैयार है। फसलों को समेटना जरूरी है पर मजदूरों की गंभीर समस्या बनी है।वहीं सोमवार को हुई बूंदाबांदी और उसके बाद बढ़ी ठंड ने किसानों का हाल बेहाल कर दिया है। इस बार मौसम का साथ मिला और फसल तैयार हुआ पर जब अनाज घर आने की बारी आई,तो बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। बता दें कि इस बार धान की रोपनी के समय से ही किसानों को मौसम का साथ मिला। किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद थी। महंगे खाद- बीज, सिंचाई के साधन व मजदूरों की समस्या के बीच किसानों ने जैसे-तैसे करके अपने फसलों को लगाया और अब जब फसल पक कर तैयार हुआ तो किसानों ने खेतों में धान की कटनी कर उसे सूखने के लिए छोड़ दिया। इसी समय हुई बेमौसम बारिश ने किसानों के सारे सपनों पर पानी फेर दिया। धान की फसल भीगने के साथ साथ किसानों को रबी फसल की बुआई में अब इंतजार करना पड़ेगा। और तो और बढ़ी ठंड के कारण मजदूरों की भी समस्या हो रही है।ऐसे में कमोबेश धान के पातन को सूखने और खेत को रबी के लिए तैयार करने में तकरीबन एक सप्ताह से अधिक का समय लगेगा, जबकि रबी फसल की बुआई का समय दिसंबर तक ही उपयुक्त माना जाता है।
सोनो (जमुई):-सांसद अरुण भारती ने केंद्रीय खनिज मंत्री से की की मांग करमटिया में सर्वेक्षण और खुदाई हो प्रारंभ
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