गया:अंतरराष्ट्रीय मंच पर हुआ शब्दाक्षर पत्रिका का लोकार्पण द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन



गया मे साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ की साहित्यिक त्रैमासिकी ‘शब्दाक्षर पत्रिका'(जनवरी-मार्च 2022) का लोकार्पण संस्था के संरक्षक-सह-प्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार डॉ प्रेम शंकर त्रिपाठी, आस्ट्रेलिया से जुड़े लोकार्पण विभूति अंतर्राष्ट्रीय कवि प्रगीत कुँअर(प्रसिद्ध कवि स्व०डॉ कुँअर बेचैन जी के पुत्र) तथा मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ भावना कुँअर(प्रसिद्ध कवि स्व०डॉ कुँअर बेचैन की पुत्रवधू), कार्यक्रम अध्यक्ष-सह-शब्दाक्षर के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दया शंकर मिश्र, प्रधान अतिथि-सह-शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह ‘सत्य’ सहित ‘शब्दाक्षर’ के अनेक सम्मानित साहित्यकारों की गौरवमय उपस्थिति में अंतरराष्ट्रीय मंच पर सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ हैं। लोकार्पण समारोह का शुभारंभ ‘शब्दाक्षर’ की राष्ट्रीय प्रवक्ता-सह-प्रसारण प्रभारी प्रो. डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी के द्वारा प्रस्तुत स्वरचित सरस्वती वंदना ‘ज्ञान दे, सुर तान दे, माँ शारदे, वरदान दे। जो भी रचें, वह नव्य हो। जो भी लिखें, वह भव्य हो, हम कर रहें हैं वंदना वागीश्वरी तू ध्यान दे’ से हुआ है। तत्पश्चात राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. रश्मि ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए शब्दाक्षर परिवार की ओर से सभी गणमान्य अतिथियों, श्रोतागण तथा मीडिया अधिकारियों का अभिनंदन तथा अभिवंदन किया गया है। दिल्ली प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. विभा जोशी ने मंचासीन अतिथियों की व्यक्तिगत साहित्यिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम का कुशल संचालन किया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष-सह- पत्रिका के प्रधान संपादक रवि प्रताप सिंह ने पत्रिका के सफल लोकार्पण पर हार्दिक खुशी जताते हुए संपादक मंडल के सभी सदस्यों, सम्मिलित रचनाकारों तथा समस्त शब्दाक्षर परिवार के प्रति हार्दिक आभार जताया हैं।ज्ञात हो कि ‘शब्दाक्षर’ द्वारा लोकार्पित इस त्रैमासिकी में देश के प्रतिष्ठित रचनाकारों द्वारा विभिन्न पद्य तथा गद्य विधाओं में लिखित स्तरीय रचनाएँ संकलित हैं। इस पत्रिका के संरक्षक डॉ. प्रेम शंकर त्रिपाठी, परामर्शदाता राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दया शंकर मिश्रा, प्रधान संपादक राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह, संपादक जम्मू कश्मीर अध्यक्ष डॉ. आदर्श प्रकाश, सह संपादक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह ‘सत्य’ तथा उप संपादक उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिंह ‘वीर’ हैं। लोकार्पण विभूति प्रगीत कुँअर तथा मुख्य अतिथि डॉ.भावना कुँअर सहित सभी अतिथियों ने पत्रिका के खूबसूरत आवरण पृष्ठ, रंग-सज्जा तथा सुनियोजित संरचना की काफी प्रशंसा की गई हैं।इस लोकार्पण समारोह के द्वितीय सत्र में सरस काव्य अनुष्ठान का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ संस्था संरक्षक डॉ. प्रेम शंकर त्रिपाठी के आशीर्वचनों तथा शुभकामनाओं से हुआ हैं। डॉ. त्रिपाठी ने स्व.डॉ कुँअर बेचैन रचित कुछ पंक्तियों का पाठ कर भूली-बिसरी यादों को साझा किया गया है। इस काव्य सम्मेलन में मंचासीन अतिथियों तथा आमंत्रित रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक कविताओं का पाठ किया। प्रगीत कुँअर तथा डॉ. भावना कुँअर की कविताओं की सभी ने सराहना की। रवि प्रताप सिंह का गीत “तब कोई कविता बनती है”, महावीर सिंह वीर का शेर जाने कितने दुश्मन पाले बैठे हैं”, सत्येन्द्र सिंह ‘सत्य” की छंदबद्ध रचनाएँ, तथा श्यामल मजूमदार की व्यंग्य कविताएँ सुन श्रोतागण झूम उठे हैं ‘शब्दाक्षर’ की राष्ट्रीय उप प्रचार मंत्री सविता पोद्दार, तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष ज्योति नारायण, पश्चिम बंगाल प्रदेश साहित्य मंत्री अंजू छारिया, कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष सुनीता सैनी गुड्डी तथा उपाध्यक्ष विजयेन्द्र सैनी, भोपाल जिलाध्यक्ष अक्षय बंसल, नैनीताल जिलाध्यक्ष हिमांशु पाठक, केरल प्रदेश अध्यक्ष डॉ.पी लता, कवि प्रवीण राही, चंद्रमणि मणिका, अनुराधा सिंह व अल्पना सिंह आदि ने भी अपनी रचनाओं द्वारा खूब वाहवाहियाँ लूटीं। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी निशान्त सिंह ‘गुलशन’ के धन्यवाद ज्ञापन के साथ इस सारस्वत आयोजन का समापन हुआ हैं।

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