Posted by Dilip Pandey
धनबाद में जल संकट गहरा सकता है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पंचेत और मैथन डैम के घटते जलस्तर ने हर किसी के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है. मौसम की बेरुखी का असर यहां पर साफ नजर आ रहा है.मौसम की बेरुखी के कारण पूरे झारखंड में इस वर्ष काफी कम बारिश हुई. जिससे प्रदेश के लगभग सभी जलाशयों में जल का संग्रह काफी कम हुआ है. आने वाले दिनों में पेयजल की किल्लत होने की संभावना जताई जा रही है.
कोयलांचल धनबाद के पंचेत और मैथन डैम में मौसम की बेरुखी के कारण पिछले वर्ष की अपेक्षा जलस्तर में काफी कमी हुई है. दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) से मिली जानकारी के मुताबिक मैथन डैम का जलस्तर 468.24 फीट है, यहां 1021 एकड़ फीट जल जमाव रहा है. वहीं पंचेत डैम का जलस्तर 408.14 फीट है, यहां 1975 एकड़ फीट जल जमाव हो रहा है जबकि 1524 एकड़ फीट पानी छोड़ा जा रहा है. मानसून की बेरुखी का असर जलस्तर पर साफ पड़ा है.
मैथन डैम से लगभग जिलेभर में जलापूर्ति की जाती है. मौसम की बेरुखी के कारण आने वाले दिनों में पेयजल संकट से इनकार नहीं किया सकता है. पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष अनुपात से कम बारिश होना समस्या का मुख्य कारण है. पिछले वर्ष की माने तो अच्छी बारिश होने के कारण मैथन व पंचेत डैम में जलस्तर पर्याप्त मात्रा में थी. इसके अलावा समय-समय पर पश्चिम बंगाल को सिंचाई के लिए भी पानी छोड़ा जाता था परंतु इस वर्ष कम बारिश होने की वजह से दोनों डैम का जलस्तर काफी कम है.
इन दोनों डैम का जलस्तर घटने का असर बिजली उत्पादकों पर भी खास असर पड़ सकता है. अगर एक माह के भीतर झारखंड में बारिश अच्छी नहीं होती है तो जल संग्रह कम होगी अन्यथा आने वाले दिनों में पेयजल संकट से इनकार नहीं किया जा सकता है. जिसके कारण कोलांचलवाशियों के लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ सकता है.