धनबाद : गोपालीचक में स्थित एसएनआर -एसआई -वीसीए (जेवी )
आउटसोर्सिग कम्पनी के द्वारा पुटकी थाना क्षेत्रान्तर्गत करकेन्द्र नेहरू पार्क के समीप धनबाद-बोकारो मुख्य मार्ग पर बने डिवाईडर एवं डिवाईडर पर लगे जाली को बिना सक्षम पदाधिकारी की अनुमति के तोड़कर बनाया गया अवैध कट को बंद कराने हेतू ग्रामीण एकता मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष रंजीत सिंह उर्फ बबलू सिंह ने माननीय उच्च न्यायालय रांची, झारखण्ड में 2 फरवरी को 2024 को पी.आई.एल. दायर किया है। उक्त पी.आई.एल. नं. 655/2024 में कुल नौ लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है। जिसमें मुख्य रूप से झारखण्ड सरकार, उपायुक्त, धनबाद, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, धनबाद, नगर आयुक्त, धनबाद, वरीय पुलिस अधीक्षक, धनबाद, अनुमंडल पदाधिकारी, धनबाद, बी.सी.सी.एल. के सी.एम.डी., महाप्रबंधक के साथ साथ एस एन आर –एसआई–भीएसए(जे भी) आउटसोर्सिग कम्पनी के महाप्रबंधक शामिल हैं। श्री सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार के द्वारा लाखो-अरबो रूपया खर्च कर गोविन्दपुर से तेलमच्चो पुल तक सड़क का निर्माण कराकर आम लोगों की सुरक्षा हेतू डिवाईडर एवं डिवाईडर पर जाली लगाया गया था। जिसे एसएनआर एसआई भीएसए (जेभी) आउटसोर्सिग कम्पनी के द्वारा अपना निजी फायदा को ध्यान में रखकर उक्त सरकारी सड़क के डिवाईडर को दिनांक-30.09.23 को तोड़कर अवैध कट बनाकर ओ.बी. ढुलाई करना प्रारम्भ कर दिया। जबकि उक्त अवैध कट का निर्माण होने से उक्त क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ धनबाद-बोकारो मार्ग पर चलने वाले गाड़ियों, उक्त सडक से होकर गुजरने वाले वाहनों एवं उसपर सवार लोगों को हमेशा दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। इतना ही नहीं उक्त सड़क से होकर गुजरने वाले एम्बुलेन्स एवं उसमें सवार मरीजों को भी रोक दिया जाता है। जिस कारण कई मरीजों को अपने गंतव्य स्थान/अस्पताल पहुंचने से पूर्व उनकी जान जोखिम में पड़ा रहता है। श्री सिंह ने आगे बताया कि उक्त बनाये गये अवैध कट के संबंध में ग्रामीण एकता मंच के द्वारा पुरजोर विरोध करने पर एवं अखबारों में छपे खबरों पर पथ प्रमंडल, धनबाद के द्वारा भी जांचोपरांत यह लिखित रूप से माना गया कि वह अवैध कट है। इसके बावजूद भी पथ प्रमंडल, धनबाद एवं बी.सी.सी.एल. के द्वारा उक्त अवैध कट को बंद कराने के स्थान पर स्पीड ब्रेकर बनाकर आम लोगों को और परेशान करने का काम किया है। ग्रामीण एकता मंच के द्वारा सभी संबंधित विभागों, पदाधिकारियों को पत्र देकर उक्त अवैध कट को बंद कराने का अनुरोध किया गया। परन्तु संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के द्वारा इतने गंभीर मामले पर कोई दिलचस्पी नहीं ली गयी। जिससे मजबूर होकर ग्रामीण एकता मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष के द्वारा उक्त बनाये गये अवैध कट के कारण होने वाले दुर्घटना की रोकथाम एवं आम लोगों के जीवन की सुरक्षा की दृष्टिकोण से उक्त अवैध कट को बंद कराने हेतू माननीय उच्च न्यायालय की शरण में गये हैं।

