कुशल खिलाड़ियों की कदर नहीं रही : राजेंद्र

-शूटिंग के क्षेत्र में नेशनल ब्रॉंज मैडल पाने वाले राजेंद्र सिंह विरडी प्रशस्ति पत्र तक के मोहताज




धनबाद: वर्ष 2022 में 65 नेशनल शूटिंग टूर्नामेंट में ब्रोंज मेडल लेने वाले राजेंद्र जैसे बेहतर खिलाड़ियों को इस बात का मलाल है कि धनबाद तो छोड़ दे, झारखंड में खेल के मामले में बेहतर प्रदर्शन करने वालों की कदर नहीं।राजेंद्र पेशे से एक उद्योगपति होने के नाते इन्हें धन की कोई कमी नहीं ।शायद यही वजह है कि राइफल शूटिंग जैसे खर्चीले शौक को पाल रहे हैं।केवल धन से नहीं बल्कि योग्यता में इन्होंने फर्स्ट क्लास मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर्नाटक से की है।साक्षात्कार के दौरान राजेंद्र ने बताया कि शूटिंग का शौक तो उन्हें से पहले से हीं था। लेकिन आरएसपी कॉलेज के प्रोफेसर गुरचरण सिंह का साथ मिला तो मनोबल बढी। 2006 में उन्होंने जिला स्तर पर शूटिंग की प्रतियोगिता कराई तो काफी बेहतर परिणाम सामने आए।उन्होंने बताया कि उस दौरान चार पांच पदक पाने की सफलता उन्हें मिली। साथ ही यह भी मनोबल बढ़ा कि अगर इस क्षेत्र में थोड़ी खर्च और मेहनत की तो आगे निकल सकता हूं।फिर क्या था अपने साथ कुछ और लोगों को साथ लेकर शूटिंग के क्षेत्र में जो आगे चलना शुरू किया तो स्टेट ,जोनल तथा प्री नेशनल होते हुए राष्ट्रीय स्तर पर 2021 में नेशनल खेला।लेकिन पहली बार आयोजन/ प्रतियोगिता में खुद की तकनीकी त्रुटि के चलते बेहतर परिणाम प्राप्त नहीं कर सका।लेकिन 2022 में जब फिर नेशनल खेला तो ब्रोंज मेडल पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तथा ऐसा लगा कि आने वाले दिनों में वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शूटिंग के क्षेत्र में अपनी देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। लेकिन राजेंद्र  को इस बात का मलाल है कि जितनी मेहनत और खर्चे से उन्होंने अब तक का मेडल जीता है। वैसी ख्याति उन्हें जिला और राज्य स्तर पर नहीं प्राप्त हुई।उन्होंने कहा कि पैसे से पर्याप्त रहने के कारण यह शौक न केवल पाल रहा हूं बल्कि शूटिंग के क्षेत्र में अपने पुत्र युवराज को भी उतार चुका हूं। वह भी इस क्षेत्र में अच्छी सफलता हासिल कर रहा है।अपनी सफलता के आधार पर मैंने धनबाद के तत्कालीन उपयुक्त  से मिलकर उन्हें भी शूटिंग के क्षेत्र में अपनी कार्यशैली से परिचित कराया। लेकिन बावजूद इसके अभी तक मुख्यमंत्री स्तर पर उन्हें शूटिंग के मामले में एक मामूली पत्र भी प्राप्त नहीं हुआ है। दुखद स्थिति यह है कि उपायुक्त के पहल के बाद भी एक कुशल खिलाड़ी को जो देश के प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखता है उसे इतनी संघर्ष करनी पड़ता है। उन्होंने बताया की धनबाद में एक शूटिंग रेंज रहना बहुत जरूरी है।अगर प्रशासन और राज्य सरकार की पहल हो तो इस क्षेत्र से शूटिंग का शौक रखने वाले खिलाड़ियों को बड़ा मुकाम मिलेगा।साथ ही शौक रखने वाले खिलाड़ियों का मनोबल भी बढ़ेगा।

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