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नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने आधार कार्ड और वोटर आईडी को लिंक करने की डेडलाइन आगे बढ़ा दी है. पहले यह काम 1 अप्रैल 2023 कर किया जाना था. अब इसके लिए 31 मार्च 2024 तक का समय दिया गया है.
बता दें. फर्जी मतदान और फर्जी वोटर आईडी की समस्या को खत्म करने के लिए वोटर आईडी और आधार को आपस में लिंक करने की व्यवस्था बनाई गई है. केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि यह स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं.
वहीं चुनाव आयोग के अनुसार, आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने से एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में एक ही व्यक्ति का नाम नहीं हो सकेगा. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, यूजर्स आधार को अपनी वोटर आईडी से ऑनलाइन या एसएमएस के माध्यम से लिंक कर सकते हैं.
यूआईडीएआई ने 1.2 प्रतिशत आधार संचालकों का किया निलंबन
इस बीच, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने दोषपूर्ण गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में पिछले साल 1.2 प्रतिशत आधार केंद्र आपरेटरों को निलंबित कर दिया है. यूआईडीएआई ने कहा कि गलत कार्यों में लिप्त पाए जाने वाले आधार केंद्र संचालकों पर जरूरी दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.
प्राधिकरण से जुड़े हुए करीब एक लाख संचालक आधार कार्ड बनाने के साथ ही धारकों के नाम में संशोधन और पता बदलने जैसी सेवाएं देते हैं. साथ ही यूआइडीएआइ ने कहा कि उसने प्रतिदिन एक मशीन पर किए जाने वाले पंजीकरण की संख्या भी सीमित कर दी है. संचालक आधार प्रणाली का दुरुपयोग नहीं कर सकें, इसके लिए यह कदम उठाया गया है.
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