धनबाद: रेलवे ठेकेदार बबलू सिंह को मनोज कुमार ने क्यों मारा? एसएसपी संजीव कुमार ने मीडिया से बातचीत में इसका भी खुलासा किया है . उन्होंने कहा कि यह हत्या रेलवे ठेकेदारी में सिंडिकेट को लेकर हुई है. बबलू सिंह ठेकेदारों के सिंडिकेट में शामिल नहीं था. इस कारण बबलू अन्य रेलवे ठेकेदारों के टारगेट पर था. मनोज कुमार ठेकेदारों के बीच मिडिएटर का काम करता था. बबलू सिंह अलग काम करता था, इस बात से मनोज नाराज था. इससे पूर्व 2019 में भी मनोज ने ही बबलू सिंह के घर पर गोलीबारी की थी.बबलू सिंह की हत्या मामले में गिरफ्तार मनोज कुमार का आपराधिक इतिहास रहा है. कई थानों में मामला दर्ज है. दो बार मनोज कुमार जेल जा चुका है. बबलू सिंह को कई बार सिंडिकेट में शामिल होने के लिए मनोज ने कहा था.लेकिन बबलू अकेले काम कर रहा था. इसी बात को लेकर मनोज ने बबलू को गोली मारी. ज्ञात हो कि जोरापोखर थाना क्षेत्र के भागा रेलवे साइडिंग में रेलवे ठेकेदार बबलू सिंह हत्या मामले का पुलिस ने 13 अप्रैल को खुलासा किया है. एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि मनोज कुमार, राजीव कुमार रजक, राम विलास चौहान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बबलू को गोली मारने के समय तीनों घटनास्थल पर थे. इनके पास से दो पिस्टल, एक देशी कट्टा, तीन मोबाइल जब्त किया गया है. साथ ही 20 हजार 7 सौ रुपए नगद भी मिल है. दो और आरोपी हैं, जिसकी तलाश जारी है.एसएसपी ने बताया कि मनोज कुमार की खोजबीन के लिए पुलिस ने बंगाल, बिहार, यूपी में छापामारी की. मनोज सिंह को 10 अप्रैल को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले जमाडोबा के डुमरी दो नंबर से राजीव कुमार रजक को गिरफ्तार किया गया था.उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से रामविलास चौहान को गिरफ्तार किया गया है.मनोज से पुलिस ने तीन दिन तक पूछताछ की है. कांड के खुलासे में डीएसपी अभिषेक कुमार, जोरापोखर थाना प्रभारी राजदेव सिंह,इंस्पेक्टर शिवकुमार, आईओ महेंद्र कुमार, एसआई मुकेश कुमार की भूमिका रही जामाडोबा को अब राहत।2 अप्रैल की शाम को भागा रेलवे साइडिंग के समीप काम करवा रहे रेलवे ठेकेदार बबलू सिंह को ताबड़तोड़ गोली मारी गई थी. इसके बाद अपराधी हवाई फायरिंग करते हुए फरार हो गए थे. इलाज के दौरान जालान अस्पताल में बबलू सिंह की मौत हो गई थी. दो दिन बाद बबलू सिंह के जीजा प्रभु सिंह ने जोरापोखर थाना में हत्या का मामला दर्ज करवाया था. जोरापोखर पुलिस ने जामाडोबा के दर्जनों लोगों से पूछताछ की थी. उन लोगों को अब राहत मिली है.

