बच्चे देश के भविष्य इन्हे सही मार्गदर्शन देना हम सब का कर्तव्य : न्यायाधीश
धनबाद : बच्चे देश के भविष्य है इनके भविष्य को सजाना ,सवारना और इनका नैतिक उत्थान की जिम्मेवारी हर नागरिक के कंधे पर है । इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए आज धनबाद बाल सुधार गृह में बच्चों के बीच शैक्षणिक पाठ्यक्रम की पुस्तकें एवं नैतिक उत्थान की पुस्तकें वितरित की गई है । उपरोक्त बातें गुरुवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अवर न्यायाधीश निताशा बारला ने कहा । उन्होंने कहा कि 19 फरवरी 2022 को झारखंड उच्च न्यायालय के जस्टिस डॉक्टर एस एन पाठक ने बाल सुधार गृह का निरीक्षण किया था और बच्चों के नैतिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए ,उन्हें शिक्षित बनाने के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रम पर आधारित पुस्तक वितरित करने का आदेश दिया था ।न्यायाधीश के आदेश के आलोक में आज 54 बंदियों के बीच पुस्तकों का वितरण किया गया तथा उन्हें बच्चों से संबंधित विभिन्न कानून व उनके प्रावधानों के विषय में जानकारी दी गई । बच्चों को संबोधित करते हुए न्यायाधीश श्रीमती बारला ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा सभी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण साधन है। यह हमें जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करता है। उन्होंने कहा कि यह हममें आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता करती है। बाल सुधार गृह में रह रहे बच्चे शिक्षा से वंचित न रहे इसके लिए उनका शैक्षणिक विकास आवश्यक है । क्योंकि बच्चों को अपराधी की तरह नहीं देखा जाता ऐसा माना जाता है कि उनसे भूलवश या जानकारी नहीं होने के कारण गलती हो गई । न्यायाधीश बारला ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से जल्द ही बच्चों को कंप्यूटर की भी ट्रेनिंग दी जाएगी तथा कंप्यूटर के माध्यम से भी उन्हें स्मार्ट क्लास कराया जाएगा । इस मौके पर बाल सुधार गृह के एक दंडाधिकारी मनोज कुमार इंदवार, उपाधीक्षक, संतोष कुमार प्रसाद, सीडीपीओ साधना कुमारी, बोर्ड के सदस्य राकेश चौबे, पूनम कुमारी डालसा के रिटेनर अधिवक्ता अजय कुमार भट्ट डालसा सहायक सौरभ सरकार ,अरुण कुमार, संतोष कुमार ,संजय सिन्हा, अनुराग पांडे, राज गोपाल ,पैरा लीगल वालंटियर राजेश सिंह ,गीता कुमारी, चंदन कुमार उपस्थित थे।


