नेशनल लोक अदालत, 86 करोड 5 लाख 27 हजार 827 रुपए की हुई रिकवरी


58 हजार 85 मामलो का हुआ निपटारा

‌शांति समृद्धि ,प्रेम और सौहार्द पाने का सबसे अच्छा मंच है लोक अदालत.:प्रधान जिला जज

धनबाद : नालसा के निर्देश पर वर्ष 22 के दुसरे नेशनल लोक अदालत में शनिवार को कुल 86 करोड़ 5 लाख 27 हजार 827 रुपए की रिकवरी कर कुल 58 हजार 85 विवादों का निपटारा कर दिया गया ।वही
मौके पर चार लोगों के बीच मुआवजा के 20 लाख 95 हजार रुपए का भुगतान किया गया। नेशनल लोक अदालत सुबह 8 बजे शुरू होकर दोपहर के 1200 बजे तक चली ।इसके पूर्व सुबह आठ बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा , फैमिली जज तौफीकुल हसन, बार अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय, महासचिव जीतेन्द्र कुमार ने नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन किया

लोक अदालत में दोनों पक्ष जीतते हैं : प्रधान जिला जज

हमारा संविधान हर लोगों को सामाजीक , आर्थिक एवं सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है ।नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है ।उक्त बातें शनिवार को धनबाद सिविल कोर्ट में आयोजित नेशनल लोक अदालत के उद्घाटन के मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह चेयरमैन डालसा राम शर्मा ने कही। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा की
लोक अदालत में महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है.इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है. इसके साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है। लोगों मे प्रेम ,शाति ,समृद्धि और समरसता बनी रहे यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है! उन्होने कहा की लोक अदालत में किसी पक्ष की हार नहीं होती बल्कि दोनों पक्ष जीतकर जाते हैं क्योंकि इसमें विवादों का निपटारा पक्षकारों की रजामंदी से किया जाता है। उन्होंने कहा कि 23 नवम्बर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह मे किया जा रहा है! बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय ने कहाकि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाये जाते हैं। बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते। उन्होंने कहा की लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है। जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है। महासचिव जितेंद्र कुमार ने कहा कि लोक अदालत में विवादों का तत्काल निपटारा होता है ।यह एक बहुत सराहनीय कार्य है। एसोसिएशन इस कार्य में हर संभव मदद कर रहा है ।और आगे भी करेगा ।उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहां तत्काल प्रभाव में मामला सेटेल हो जाता है और विवाद आगे नहीं बढ़ पाता।
मौजूद थे न्यायाधिश
न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय तौफीकुल हसन, अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट प्रेमलता त्रिपाठी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार श्रीवास्तव, स्वयंभू, ,राजकुमार मिश्रा , लेबर जज नीरज कुमार श्रीवास्तव,
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप ,अवर न्यायाधीश, राजीव त्रिपाठी,विशाल माझी, आरती माला, शिवम चौरसिया ,एंजलीना जॉन, श्वेता कुमारी,
अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव, रेलवे के न्यायिक दंडाधिकारी अंकित कुमार सिंह, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पूनम कुमारी दिव्या अश्वनी प्रतिमा उरांव पूजा पांडे राकेश निगम , मनोज कुमार इनदरबार , सुभाष बारा, दिव्या अश्वनी, पूजा पांडे, प्रज्ञेश निगम ,स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन पियूष कुमार सर्टिफिकेट ऑफिसर फागुनी राम, उपभोक्ता फोरम के चेयरमैन एल पी चौबे डालसा के पैनल अधिवक्ता
,अजय‌ कुमार भट्ट , दीपक साह, के के सिंह, संजीव कुमार पांडे, नीरज कुमार , जय राम मिश्रा , सोनिया कुमारी, रंजन कुमार सिन्हा,अभिजीत कुमार यादव,संदीप कुमार, जमशेद काजी, अरविंद सिन्हा, शामिल थे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में डालसा सहायक ,सौरव सरकार, अरुण कुमार, संजय सिन्हा, अनुराग पांडे, अक्षय कुमार, हेमराज चौहान ,चंदन कुमार, राजेश कुमार सिंह डीपेंटी गुप्ता, गीता कुमारी,
समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

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