धनबाद:भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ ने कोल इंडिया की सहायक कंपनी बी.सी.सी.एल. यानी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के पूंजी का 25 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचने एवं शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने के विरोध में आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए बिगुल फूंक दिया है। उक्त बातें धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री सह केंद्रीय सलाहकार समिति के सदस्य रामधारी ने प्रेस बयान जारी कर बताया और कहा कि बी.सी.सी.एल. निदेशक मंडल की 438 वी बैठक में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड का 25 फ़ीसदी हिस्सा बेचने के फैसले को भारतीय मजदूर संघ पुर जोर विरोध करता है क्योंकि यह निर्णय पूरी तरह से उद्योग एबं मज़दूर विरोधी है, जिसे भारतीय मजदूर संघ कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
रामधारी ने कहा कि बी.सी.सी.एल. में कोकिंग कोल के भंडार पर ही अपना अस्तित्व व अपनी पहचान बनाए हुए हैं, और ऐसी स्थिति में 25 फ़ीसदी हिस्सा शेयर बाजार में बेचने का फैसला यानी बी.सी.सी.एल. को निजी मालिकों के हाथों मे यानी निजीकरण की तरफ ले जाने वाला कदम है। 25% शेयर बाजार में वेनिवेश होने से मजदूरों के साथ साथ बी.सी.सी.एल. की अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा जिसे भारतीय मजदूर संघ कतई बर्दास्त नही करेगा।
रामधारी ने कहा कि कोल इंडिया बी.सी.सी.एल.प्रबंधन द्वारा तत्काल इस पर रोक लगाई जाय नहीं तो आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए संघ बाध्य होगा।
उन्होंने बताया कि निदेशक मंडल के निर्णय के विरोध में धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ द्वारा दिनांक 31 मई से 1 जून 2022 तक बी.सी.सी.एल. के सभी कोलियरी,परियोजना में गेट मीटिंग, पीट मीटिंग सभा कर जन जागरण के माध्यम से 3 जून 2022 को सुबह 11:00 बजे से कोयला भवन के मुख्य द्वार पर एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें बी.सी.सी.एल.के समस्त क्षेत्रों से हजारों की तादाद में मजदूर भाग लेंगे।संघ के महामंत्री रामधारी ने बी.सी.सी.एल. के तमाम मजदूरों को आहवान करते हुए कहा कि आज के परिपेक्ष में कोल प्रबंधन अपना मनमानी कर रही है, इस मनमानी को चलने नही देगें,हम ईंट से ईंट बजा देंगे लेकिन किसी हर हाल में 25%शेयर का विनिवेश होने नही देंगे।
उन्होंने बी.सी.सी.एल. के तमाम मजदूरों से अपील की है कि 3 जून 2022 को अधिक से अधिक की संख्या में भाग लेकर अपनी चट्टानी एकता का परिचय देते हुए विशाल धरना प्रदर्शन को सफल बनाने में सहयोग करे। उन्होंने बी.सी.सी.एल.प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के फैसले को वापस नही लेती है तो इससे भी आगे उग्र आंदोलन करने के लिए संघ बाध्य होगा।

