धनबाद:जज उत्तम आनंद मौत मामले में नया मोड़ लिया मोबाइल छीनने के लिए मारा था धक्का

धनबाद: जज उत्तम आनंद मौत मामले में सीबीआई की स्पेशल सेल के एसपी व मामले के अनुसंधानकर्ता विजय शुक्ला ने बुधवार को बड़ी बात कही. सीबीआई के विशेष जज रजनीकांत पाठक के अदालत में अपना बयान दर्ज कराते हुए कहा है कि राहुल और लखन पेशेवर मोबाइल चोर हैं और मोबाइल छीनने के दौरान ही जज को धक्का मारा था. कोर्ट में बयान दर्ज कराते हुए बताया कि 8 नवंबर 2021 को एनएफएसयू गांधीनगर से फोरेंसिक जांच रिपोर्ट प्राप्त की थी. जांच रिपोर्ट से पता चला कि 28 जुलाई 2021 को लखन वर्मा को फोन कर राहुल वर्मा ने पूजा टाकीज के पास बुलाया था. फोन करने पर लखन राहुल से मिलने पूजा टाकीज के पास आया. वहीं तय हुआ कि रात में कोई काम नहीं हो सका है. अभी कुछ काम करके गिरिडीह भाग जाना है. सुबह पांच बजे यह लोग रणधीर वर्मा चौक की ओर निकले. वहां एक व्यक्ति को टहलते देखा, जिसके पास मोबाइल था. मोबाइल छीनने के उद्देश्य से लखन ऑटो को जज की ओर ले गया और अचानक टक्कर मारा. जज साहब गिर गए, लेकिन दोनों रुके नहीं और आगे बढ़ गए. कुछ दूरी पर लखन ने ऑटो को रोका. उससे राहुल उतरा और जहां पर जज साहब गिरे हुए थे, वहां आया फिर उसने लखने को गिरने की बात बताया.

मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में अनुसंधानकर्ता ने कहा कि उन्होंने अनुसंधान के दौरान दोनों के विरुद्ध मौखिक, दस्तावेजिक, फोरेंसिक, वैज्ञानिक, सीसीटीवी व विभिन्न तरह के पर्याप्त साक्ष्य एकत्र किए, जो यह साबित करते हैं कि दोनों ने जानबूझकर जज साहब को टक्कर मारा, जिससे उनकी मौत हो गई. बचाव पक्ष द्वारा यह पूछे जाने पर कि उन्होंने नार्को एनालिसिस टेस्ट की रिपोर्ट अब तक अदालत में क्यों नहीं सौंपी तो अनुसंधानकर्ता ने कहा कि मामले में शामिल अन्य लोगों के विषय में जांच अभी जारी है. इस कारण वह रिपोर्ट अदालत को नहीं सौंपी गई है‌. जानबूझकर टक्कर मारने की बात उन्होंने विभिन्न तरह के वैज्ञानिक जांच के आधार पर कही है. अब अदालत ने सीबीआइ को गवाह पेश करने का निर्देश देते हुए 16 जून की तारीख निर्धारित कर दी है.



बता दें कि जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई 2021 की सुबह हुई थी. वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे. रणधीर वर्मा चौक पर सुबह पांच बजे के करीब एक ऑटो ने उन्हें धक्का मार दिया था. अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि यह हादसा नहीं है. जज को जानबूझकर धक्का मारा गया है. इसके बाद चार अगस्त 2021 को सीबीआइ को जांच रिपोर्ट सौंप दी गई थी.

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