शुक्रवार 10 जून को राजधानी रांची में हुई हिंसा में शामिल आरोपियों के पोस्टर लगाने पर गृह सचिव राजीव अरुण एक्का ने रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक को नोटिस है. उन्होंने पोस्टर संबंधित मामले में दो दिन के अंदर एसएसपी से स्पष्ट जवाब मांगा है. पत्र में कहा गया है कि यह कानून के मुताबिक नहीं है और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ है.
*हाईकोर्ट ने दिए थे सड़क किनारे लगे बैनरों को तत्काल हटाने के निर्देश*
गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने कहा है कि शुक्रवार 10 जून को रांची में हुई घटनाओं में नाजायज मजमो में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों और हिंसा में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के फोटो सहित पोस्टर को रांची पुलिस ने 14 जून को शहर में लाया था, जिनमें कई व्यक्तियों के नाम और अन्य विवरण भी दिए गए थे. गृह सचिव ने कहा कि यह विधिसम्मत नहीं है और इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पी.आई.एल. संख्या-532/2020 में दिनाक 09.03.2020 को पारित न्यायादेश के विरूद्ध है. बता दें, सड़को पर पोस्टर लगाने पर हाईकोर्ट ने सड़क किनारे लगे बैनरों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे. हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य को निर्देश दिया था कि बिना कानूनी अधिकार के व्यक्तियों के व्यक्तिगत जानकारी वाले बैनर सड़क किनारे न लगाएं. यह मामला और कुछ नहीं बल्कि लोगों की निजता में एक अनुचित हस्तक्षेप है. इसलिए, यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन
समाज के हर व्यक्ति को सड़क सुरक्षा के प्रति बनाना है जागरूक – एसएसपी
समाज के हर व्यक्ति को सड़क सुरक्षा के प्रति बनाना है जागरूक – एसएसपी