NEWS 11 के मालिक सह चैनल हेड अरूप चटर्जी को जिस व्यवसायी के प्राथमिकी पर आज गोविंदपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है इस मामले में कोयला व्यवसायी सह शिवम हार्ड कोक के मालिक राकेश कुमार ओझा ने धैया धीरेंद्रपुरम में एक प्रेस वार्ता कर मीडिया को पूरे मामले में विस्तार से बताया…
अब एक्सटोर्शन बर्दास्त नहीं..इसलिए कोर्ट और पुलिस का लिया सहारा..
केस के संदर्भ में है जो हमने किया है यह उगाही और एक्सटॉर्शन का मामला है.. सारा सुबूत हम न्यायालय में दे दिए हैं.. और हम मजबूर हो कर ये सब किए.. जब हमारे पारिवारिक मैटर पर न्यूज़ चलने लगा .. हमारा 40 साल से यहां पुश्तैनी व्यवसाय है, फैक्ट्री हमारा 40 साल पुराना है . इस ऑफिस में हम 1990 में शिफ्ट हुए हैं
मेरे रिश्तेदार का नाम लेकर किया बदनाम..इससे आ गया था अजीज..
अरूप चटर्जी ने पिछले साल 10 सितंबर 2021 को एक न्यूज़ चलाया की जिसमें मेरे ससुर का नाम लेते हुए पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के दमाद के डिपो में 10000 टन कोयला डिपो में खाली किया गया..यह किसी के हवाले से चलाया गया एनटीएसटी कोलियरी से माल पहुंचा ..जब हमने उनसे फोन करके पूछा कि आप यह क्या चला रहे हैं ..वे मेरे पूर्व परिचित हैं हमारे यहां पहले भी शादी विवाद में आए हैं .. हमारे चाचा ससुर भी पत्रकार रहें है.. उन्होंने कहा कि तुम्हारा कारोबार बहुत बड़ा हो गया है और मेरा चैनल भी पहले से बहुत बड़ा हो गया है .इसमें बहुत खर्च लगता है ऐड के नाम पर कुछ दो वहां तक सब मामला ठीक था ..हमने पत्रकार के नाते कुछ कुछ किया भी ..उनकी भी शुरुआत धनबाद से है और हमारा भी धनबाद से है..
पहले भी अरूप को एड के नाम पर दिया था रकम..इस बार मंथली की मांग..
एक कारोबारी होने के नाते जो इंसान कर सकता है किया..फिर धीरे-धीरे यह मैटर बढ़ते गया और वे दिसंबर में लास्ट वॉट्सएप कॉल किए हैं उसमे उसका मेरे पास पूरा डिटेल है उसकी कॉल रिकॉर्डिंग है जिसे मैंने न्यायालय में प्रस्तुत किया है जिसमे उन्होंने मुझे कहा मंथली करो ..वहां तक चलिए बात सही थी.. व्यापारी किसी वर्ग से लड़ना नहीं चाहता .. निष्ठा पूर्व मेरे फादर और मैं हर तरह का टैक्स देते है.. और नहीं देते हैं तो उसके लिए प्रॉपर जांच एजेंसी है आप एजेंसी नहीं है ..जबकि मेरे खिलाफ कोई शिकायत नहीं है.. किसी तरह की कोई बात नहीं है यह बढ़ते बढ़ते मामला चला गया ..
अपने बेटे के लिए मेरे हार्ड कोक को हड़पना चाहता था..कई बार बनाया दबाव..
मैनेजर राय से पुरानी रंजिश है हालांकि वह भी कोई ऐसी रंजिश नहीं है पारिवारिक मित्रता रही है मैनेजर राय की यह इच्छा है कि मेरा दो बेटा है उनका और हमारा फैक्ट्री देखने में एक जैसे लगता है वे बोले की यदि दोनो की बाउंड्री तोड़ देंगे तो दोनो बेटो को एक जैसा (पटरा) फैक्ट्री मिल जायेगा..तब हमने कहा कि यदि आपके 100 पुत्र हो जाते तब तो आप पूरा धनबाद का ही हार्डकोक भी ले लेते .तो फिर हमलोग कहा जायेंगे…
अरूप और मैनेजर राय के खिलाफ कई मामले है..दर्ज
पिछले साल जुलाई में मीटिंग हुई थी जिसमें चार आदमी उपस्थित थे, उस समय दो सरकारी अधिकारी थे .. मैनेजर राय पिछले साल भी उगाही के चरम पर थे.. धनबाद का कोई आदमी नहीं है जो उनके बारे में नहीं जानता ..ये उनका अपराधिक रिकार्ड का हिस्ट्री है..1992 से लेकर अब तक 302 ,307,414 ,420 , एक्ट आर्म्स व बम बनाने की धराएं और सरकारी काम में बाधा सहित केवल गोविंदपुर थाना में ही 21मामले दर्ज है..वही अरूप चटर्जी के खिलाफ में झारखंड में करीब दो दर्जन मामले है..
आईएएस – आईपीएस का रिश्तेदार होना गुनाह है क्या..?
मेरे ससुर ने कभी मेरे लिए फोन नहीं किया . रिटायरमेंट के पहले या बाद में कभी भी …शादी से पहले मेरा आवास और फैक्ट्री बना हुआ है ..2004 में मेरी विवाह हुई गुप्तेश्वर जी की पुत्री से..क्या आईएएस आईपीएस के बच्चें से शादी करना गुनाह है…फिर बोलते बोलते आंखे नम हो गई और सिसकने लगे..
पिछले साल मामला पैचअप हो गया था इस बार फिर ब्लैकमेलिंग के बाद बिगड़ी बात..
उसके बाद ये मैटर बढ़ते गया ,फिर राय जी से इनसे(अरूप से) मिल गए .. उन दोनो में सांठ गांठ है ..पिछले साल खबर चलाए फिर पैचअप हो गया..इस बार भी खबर चलाए..जी भैया , नो भैया.. उस बातचीत की रिकार्डिंग की सुबूत मौजूद है..
मैनेजर राय और अरूप चटर्जी में सांठ गांठ कैसे हुई..अब इस बार सीसीटीवी के जरिए शुरू हुई नया खेल..ये तो निजता का हनन…
अब राय जी ने हमारे प्लांट के बाहर मेरे बाउंड्री से सटे सीसीटीवी कैमरा लगवा दिया ..इस कैमरा का एंगिल हमारे तरफ करके लगाया गया..पहली बात मैं गलत हूं या सही उससे पहले निजता हनन का मामला है..इस पर चैनल को सवाल उठना चाहिए था..यहां कैमरा क्यों लगाया गया..किसने उनको हक दिया..15 को न्यूज चलाए उसका प्रोमो 13 तारीख को भेजे ..अगर मैं गुनहगार हूं , मैने कोई गलत किया तो फिर मुझे प्रोमो क्यों भेजे..दो दिन तक न्यूज़ नहीं चला उसके बाद मुझे सूचित किया मुझे 11 लाख रूपया दो ,फिर मैंने 6लाख दिया..वो भी साक्ष्य के लिए ..मैं परेशान हो गया था..मैने साक्ष्य न्यायालय को दे दिया है..अगर वो और भी गिरेंगे..तो हम और भी वीडियो कोर्ट को देंगे..इस पूरे घटना से मीडिया की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचेगी.. पहली बार अपने आप को चला रहें है कि मैं पत्रकार हूं..किस हैसियत से पत्रकार है..कहां रिपोर्टिंग करते है..कहां एंकरिंग करते है..जिस कंपनी में आप चला रहें है , उस कंपनी का भी डिटेल मौजूद है.. उस कंपनी में आपके पिता जी भी डायरेक्टर है और आपके पत्नी भी डायरेक्टर है..आपके पिता जी घर में जो आराम से सो रहें है वह भी मीडियाकर्मी हो गए…चैनल का मालिक होना , मीडिया कर्मी होना दोनो अलग बात है..
प्रोमो दिखाकर वसूली के लिए किया वॉट्सएप कॉल… लाईनअप के लिए प्रतिनिधि भेजा..
15 जून को न्यूज़ चलाए..उन्होंने कहा कि अगले दिन तुम्हारे यहां रेड होगी..रेड हुई भी..चलो भाई बार बार परेशान..जांच कराएंगे..जो भी त्रुटि मेरे प्लांट में पाया गया उसका कागजात हम जमा करेंगे..मेरे यहां रेड हुई ..आपके न्यूज का प्रभाव हो गया..इसके बाद हमको वे मैसेज किए कि अभी इतना पर ही रुक जाऊं या और आगे बढ़ना है..मैंने कहा अब आप क्या करेंगे..मेरा फैक्ट्री तो बंद हो गया..तो बोले की जमीन नापी कराएंगे..ये न्यूज 25 जून को चलाया है..शिवम की होगी ..जमीन मापी.. सरकार ने जारी किया आदेश..
उसके अगले दिन सीओ साहब का बयान दर्ज है कि ऐसा कोई आदेश नहीं है…ये सरकार है क्या…ये खुद कैसे आदेश जारी कर रहें है.. हम जब फोन किए कि ये तो आदेश है ही नही..उन्होंने कहा कि मैं करा लूंगा..मुझे कराना आता है..झारखंड देख चुका है मै कैसे कराता हूं… तुम भी देखोगे…इसके पांच दिन बाद माइंस सेक्रेटरी ख्यांते साहब के पास गए और वे बोले कि आप जिद कर रहें तो जांच के लिए बोल देते है..रिपोर्टर ने उन्हें मेरी फैक्ट्री की जमीन को गैर आबाद बता दिया…,वे क्या मेरी जिम्मेवारी ले रहें है..कहां है मेरे खिलाफ शिकायत..किसकी जमीन कब्जा किया हूं.. कल को घर को बोल देंगे नाजायज है ..कहां तक छोड़ कर भागेंगे…बहुत मजबूरी में ये कदम उठाया .अजीज आ गया था…मेरा जीना हराम हो गया था…मेरा फोटो लगाकर मेरे परिजनों को न्यूज़ भेजने लगे…मेरे बच्चो के ग्रुप में न्यूज मैसेज चलवाया..मेरा फोटो लगाकर 200करोड़ का तस्कर ..40 साल से टैक्स देने वाला तस्कर और आप 12 साल में चैनल खड़ा कर लिए ..और धनबाद में एक स्कूटी पर घूमने वाला आज अरबपति ..
गोविंदपुर थाना में 27 जून को रंगदारी का मामला दर्ज करवाया..
बर्दास्त सीमा के पार होने के बाद हमने 27 जून को गोविंदपुर में एफआईआर दर्ज कराया .. हमने न्यायालय को साक्ष्य दिया उसके आधार कोर्ट ने वारंट जारी किया..इस न्यूज को भी चैनल में यह बताया जा रहा है पुलिस की ज्यादती. वारंट तो कोर्ट से जारी हुई है पुलिस से थोड़े ही..ये तो कोर्ट की अवमानना है..
चैनल के खिलाफ केंद्रीय मंत्री ने लिखा पत्र..
सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर की चिट्ठी है ..25 मई 2022 को दीपक प्रकाश जी को संबोधित है ..तब अपलिंग और डाउनलिंकिंग से जुड़ी है तब मंत्री ने जवाब में लिखा है..आपके चैनल के लाइसेंस नवीनीकरण नहीं दे सकते है..चैनल को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया..अभी हाइकोर्ट से छह माह का स्टे मिला हुआ है..अब तो भारत सरकार ही इनसे दिल्ली में लड़ रही है..गृह मंत्री अमित शाह का पत्र प्रेषित है..इस पर आम आदमी क्या बोले..
पैसा कब मांगा गया…
पिछले साल भी उन्होंने मुझसे पैसा मांगा..यहां तक कि मेरे परिजनों को चैनल पर सार्वजनिक किया ..मेरे मोबाइल नम्बर को सार्वजनिक किया..मुझे नम्बर बदलना पड़ा ..पिछले छह माह से मैंने धनबाद से पुलिस से सुरक्षा की मांग कर रहा हूं..
हर बार रकम की मांग बढ़ती गई..इस बार बर्दास्त से बाहर…मेरे जान को खतरा..इसलिए पुलिस मांगी है सुरक्षा..
उन्होंने मुझे हर माह एक मुश्त राशि मांगी..और उनकी मांग बढ़ती गई.मुझसे 11लाख मांगे गए.. हमने साक्ष्य के लिए छह लाख दिया और 5 लाख और मांगे गए..साक्ष्य के लिए ऑडियो, वीडियो रिकार्डिंग किया..
पहले भी विज्ञापन के रूप उन्हे देते रहा हूं..बाद में प्रतिमाह की मांग करने लगे..अरूप चटर्जी ने अपने प्रतिनिधि को भेजा और उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए बात करवाई..और 05लाख मांगे गए..
पूरे प्रकरण में मैनेजर राय की भूमिका भी अहम है..अरूप तो बहती गंगा में हाथ धोने किए एंट्री मार गए..अरूप ने हमेशा मुझे वॉट्सएप और वीडियो कॉल के जरिए बात किया ..हमने गुप्त कौमरा लगाकर सभी का वीडियो रिकार्डिंग किया है ..उनके हथियार को उनके ही खिलाफ इस्तेमाल किया..अब मुझे अरूप और मैनेजर राय से जान का खतरा है इसलिए मांगी है पुलिस से सुरक्षा..
क्या आरोप लगाया चैनल के खिलाफ..
न्यूज 11भारत 10 कंपनियों से पैसा लेकर स्टेबलिश्ड है..इसमें एक अंडर लिक्विडडेशन है और 6 स्ट्राइक ऑफ है मतलब गायब है..इन तीनो में अरूप निदेशक नहीं है इसमें इनकी पत्नी और पिता है फिर ये मीडियाकर्मी कैसे हुए..मृत कंपनी से उनके लाभ कैसे मिला है ,NEWS 11चैनल से जुड़ी कई अनियमितता को लेकर हम पूरे मामले की जांच के लिए सीबीआई, ईडी , सीबीडीटी – आईटी को लिख चुके है..उनके कंपनी में स्ट्राइक ऑफ का मामला भी सामने आया है..मुझसे उगाही के लिए बार बार फोन करते रहें है..अब उनकी ईमानदारी सबके सामने आ चूंकि है..
मैनेजर राय का मोबाइल स्विच ऑफ .. आरोपों पर नहीं मिल पाया जवाब..
इस पूरे मामले में मैनेजर राय से पक्ष लेने के लिए उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला..
समाज के हर व्यक्ति को सड़क सुरक्षा के प्रति बनाना है जागरूक – एसएसपी
समाज के हर व्यक्ति को सड़क सुरक्षा के प्रति बनाना है जागरूक – एसएसपी