पीडित हाईकोर्ट में पदस्थापित सेंट्रल प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर राजीव कुमार सिन्हा है . मामले में उन्होंने डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है. दर्ज प्राथमिकी में 19 जुलाई की शाम पांच बज कर 41 मिनट पर उनके ऑफिस वाले मोबाइल नंबर पर एक नंबर से मिस कॉल आया. जिसमें मुख्य न्यायाधीश की प्रोफाइल फोटो लगा था. इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने उक्त नंबर पर व्हाट्सएप कॉल किया, जिसे उठाया नहीं गया. उसके बाद तुरंत उसी नंबर से लगातार व्हाट्सएप संदेश आने लगे. जिसमें अपने आप को आवश्यक मीटिंग में काफी व्यस्त रहने और काफी कम कॉल उठाने की बात कही गई. साथ ही उन्हें मैसेज भेज यह भी कहा गया कि वे व्यस्त हैं. फिर अमेजॉन पर दस हजार, 10000 रुपये के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का एक संदेश उन्हें मिला.इससे राजीव सिन्हा को लगा कि उक्त निर्देश मुख्य न्यायाधीश का है, इसलिए उन्होंने अमेजन पर दस हजार के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का आर्डर किया. इसके लिए राजीव सिन्हा ने अपने एसबीआई बचत खाता से डेढ़ लाख रुपये इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान भी कर दिया. भुगतान के बाद आए सभी 15 लिंक की सूचना उन्होंने उक्त नंबर के व्हाट्सएप पर भेज दी. जब दोबारा उसी नंबर से दस हजार, दस हजार रूपये के 50 और गिफ्ट कार्ड खरीदने का अनुरोध उनके मोबाइल पर आया, तब उन्हें शंका हुई. इसके बाद राजीव सिन्हा ने ट्रूकॉलर से उक्त नंबर को चेक किया, जिसमें उन्हें उक्त नंबर किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड मिला. इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने उक्त जानकारी एसएसपी रांची को दी. एसएसपी ने तुरंत साइबर सेल को एफआईआर की कॉपी देते हुए डोरंडा थाना में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया. डोरंडा थाना में उक्त नंबर के विरुद्ध धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में भादवि की धारा 419, 420 और आईटी एक्ट 66 सी और 66 डी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. मामले का अनुसंधान पुलिस कर रही है.
समाज के हर व्यक्ति को सड़क सुरक्षा के प्रति बनाना है जागरूक – एसएसपी
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