राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष समेत देश के विभिन्न विवि के 20 कुलपति एवं 60 गणमान्य विद्वान होंगे शामिल
धनबाद: बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के द्वारा भारतीय शिक्षण परंपरा एवं संस्कृत (इंडियन टीचिंग ट्रेडीशन एंड संस्कृत) विषय पर 12 से 14 अगस्त तक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन सिंफर सभागार में किया गया है. इस सेमिनार में पूरे देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 20 कुलपति के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों से 60 विशिष्ट गणमान्य अतिथि भाग लेंगे. यह जानकारी 11 अगस्त को विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में कुलपति डॉ. सुखदेव भोई ने दी. उन्होंने बताया कि पहले दिन सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ गुजरात के कुलपति प्रोफेसर रामा शंकर दुबे मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित होंगे. उनके साथ विधायक सह राज्य के पूर्व मंत्री रहे मथुरा प्रसाद महतो उपस्थित होंगे. सेमिनार के दूसरे दिन 13 अगस्त को मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल रमेश बैस के उपस्थित रहेंगे. वहीं राष्ट्रीय सेमिनार का समापन 14 अगस्त को होगा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रहेंगे. उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र महतो के भी उपस्थित रहने की संभावना है.
किसी भी कीमत पर अपना विजन करेंगे लागू
कुलपति प्रोफेसर भोई ने सेमिनार के उद्देश्य को साझा करते हुए बताया कि वे विजन और मिशन के साथ यहाँ आए हैं. इसलिए वे किसी भी कीमत पर अपना विजन व मिशन यहाँ लागू करेंगे. उन्होंने कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी के साथ भारतीय शिक्षा परंपरा (इंडियन टीचिंग मेथाडोलॉजी) को प्रमोट करने के उद्देश्य से इस सेमिनार का आयोजन किया है. इसका उद्देश्य है कि वह बीबीएमकेयू के प्रोफेसरों को यह सिखाना चाहते हैं कि पढ़ाया कैसे जाता है. उन्होंने बताया कि सेमिनार में उन्होंने बीबीएमकेयू में पढ़ाई होने वाले सभी 28 विषयों के विद्वानों को आमंत्रित किया है. उन्होंने बीबीएमकेयू के शिक्षकों से अपील की कि वे उनसे सीखे कि वे पढ़ाते कैसे हैं, सोचते कैसे हैं उनका विचार कैसा है.
तीन दिन में होंगे कुल 24 सेशन
डॉ सुखदेव भाई ने बताया कि सेमिनार में तीनों दिन सात-सात टेक्निकल सेशन आयोजित किए जाएंगे. जिनमें विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए प्रतिनिधि अपना पेपर प्रस्तुत करेंगे. इसके साथ ही 3 स्पेशल सेशन का भी आयोजन किया जाएगा. प्रेस वार्ता में रजिस्ट्रार डॉ. विकास कुमार, प्रो कृष्ण मुरारी सिंह, प्रो इंद्रजीत सिंह, डॉ. दिलीप कुमार गिरी और प्रो. हिमांशु शेखर चौधरी मौजूद थे.
जम्मूतवी स्टेशन का पुनर्विकास कार्य किये जाने के कारण
ट्रेनों के परिचालन में बदलाव
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