धनबाद:गुरुवार 11 अगस्त को झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति ने हीरापुर लिंडसे क्लब में स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बसु का 114 वीं शहादत दिवस मनाया। सर्वप्रथम समिति के सभी सदस्यों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया।सभी वक्ताओं ने एक सुर से कहा की खुदीराम बोस भारत के स्वतंत्रता के लिए मात्र 18 साल की उम्र में भारतवर्ष की स्वतंत्रता के लिए फांसी पर चढ़ गए। वह देश के लिए फांसी पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के युवा क्रांतिकारी देशभक्त थे। वह उम्र जब एक युवा अपने कैरियर और आने वाले भविष्य को लेकर परेशान रहता है, उस उम्र में एक ऐसे क्रांतिकारी निकला जो देश के लिए सूली पर चढ़ गया।भारत में ब्रिटिश गुलामी से मुक्ति की लड़ाई में अमर शहीद खुदीराम बोस की भूमिका अग्रणी रही है। उन्होंने मुजफ्फरपुर के जज के ऊपर हमला करके यह साबित कर दिया कि भारत की जनता की और गुलामी बर्दाश्त नहीं करेगी साथ ही साथ उन्होंने भारतीय के बीच में अंग्रेजो के दलाल पिट्ठू लोगों की गद्दारी पर भी इशारा किया ऐसे लोगों से क्रांति को अनेक खतरा पहुंचा है, आज के संघर्ष में भी हमें इन कमजोरियों से सावधान रहने की जरूरत है ताकि खुदीराम बोस जैसे लोगों के साथ निष्फल ना हो जाए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सीएमआरई पूर्व डायरेक्टर ओमलेंद्र सिन्हा,बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो की पत्नी सावित्री देवी,कंसारी मंडल,बेंगू ठाकुर, सोमनाथ चौधरी, कल्याण भट्टाचार्जी, सुशोभन चक्रवर्ती, सम्राट चौधरी, राणा चट्टराज,कल्याण राय, राजू प्रमाणिक, समीर मंडल,दिनेश मंडल,शिबू चक्रवर्ती,कल्याण घोषाल,बादल सरकार, टनी बनर्जी देबू महतो, मिंटू दास ,मंटू चौहान, रघुनाथ राय,श्यामल राय, देवाशीष राय,पोलाई चक्रवर्ती, नीलू मंडल , सपन बनर्जी, सुरजीत चंद्रा, उत्तम मिश्रा आदि लोग शामिल थे।
समाज के हर व्यक्ति को सड़क सुरक्षा के प्रति बनाना है जागरूक – एसएसपी
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