पूरे प्रकरण की उठाई सीबीआई जांच की मांग। कहा : सरकार ने मानवता और लोकतंत्र दोनों को ही शर्मसार किया है।

अंकिता की मौत पर सांसद ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया।

झारखंड में महफूज नहीं है एक भी अंकिता।

राज्य की सैकड़ों अंकिता सैकड़ों शाहरुख के निशाने पर है।



रांची।हर मामले में संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पार करने वाली झारखंड सरकार की संवेदनहीनता एक बार फिर पूरे देश ने देखा। दुमका की बिटिया अंकिता सिंह के मामले में सरकार ने जो व्यवहार दिखाया है, वह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। मानवता की बात करें या लोकतंत्र की बात करें। हर मामले में सरकार ने संवेदनहीनता दिखाइ है और यह स्पष्ट कर दिया है कि यह सरकार विशुद्ध रूप से सिर्फ और सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति करेगी। इसके अलावा इस सरकार को न तो राज्य के विकास से मतलब है, न तो राज्य की जनता से मतलब है। और न तो राज्य की बहन बेटियों की सुरक्षा से मतलब है। उक्त बातें रांची के सांसद श्री संजय सेठ ने एक बयान जारी करके कहीं। सांसद ने कहा कि यह कैसी विचित्र विडंबना है कि झारखंड की दंगे के एक आरोपी को बेहतर इलाज के लिए सरकार एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करती है और दूसरी तरफ एक बिटिया इलाज के अभाव में दम तोड़ देती है परंतु उसकी सुध लेने की फुर्सत इस सरकार के किसी भी रहनुमा को नहीं है। कहने को तो झारखंड के हित की बात करते हैं, परंतु 1-1 हरकतें जनता के विरोध में ही है।
सांसद ने कहा कि एक तरफ हमारी बेटी अंकिता अंतिम सांसे गिन रही थी। अपनी जिंदगी के लिए लड़ रही थी तो दूसरी तरफ झारखंड की सरकार पिकनिक मनाने में व्यस्त थी। पिकनिक मनाने की जो तस्वीरें सामने आई, वह न सिर्फ शर्मिंदा करने वाला है बल्कि इंसानियत के नाम पर गहरा कलंक है। जिस राज्य की बेटी एक वहशी दरिंदे का शिकार होकर जान की भीख मांग रही हो, बेहतर इलाज के लिए तरस रही हो, उस राज्य की सरकार जिसमें बड़ी संख्या में महिला विधायक भी शामिल हैं, ऐसे पिकनिक कैसे बना सकती है?
सांसद श्री सेठ ने कहा कि अंकिता की आत्मा रो रही होगी, उसने कैसे राज्य में जन्म लिया, जहां उसकी हिफाजत करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं। जहां अंकिता महफूज नहीं है। यह समस्या सिर्फ एक अंकिता की नहीं है। राज्य की सैकड़ों अंकिता ऐसे सैकड़ों शाहरुख के निशाने पर है और यह बात मैं बार-बार कह कर सरकार को आगाह करता रहा हूं, परंतु दुर्भाग्य है कि यह सरकार कान में तेल डाल कर सो रही है।
सांसद सेठ ने कहा कि यदि सरकार अंकिता को वास्तव में न्याय दिलाना चाहती है तो इस पूरे मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किया जाना चाहिए ताकि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो सके। यह किसी एक सिरफिरे की हरकत नहीं है, बल्कि यह सोची समझी साजिश है। जब यह सरकार झारखंड की बहन बेटियों की हिफाजत और उनकी सुरक्षा नहीं कर सकेगी तो इन्हें सत्ता में रहने का नैतिक हक बिल्कुल भी नहीं है। इन्हें बिना किसी इंतजार के सत्ता छोड़ देनी चाहिए।

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