रांची : झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र 5 सितंबर को होना है। कैबिनेट गुरुवार 4 अगस्त को समाप्त हुई है। मानसून सत्र को विस्तार करते हुए 5 सितंबर को एक दिन का सत्र बुलाने की सहमति प्रदान की है। सरकार के तरफ से कैबिनेट सचिव ने एक दिन का विशेष सत्र बुलाने की जानकारी तो दी लेकिन यह नहीं बताया कि इस विशेष सत्र को बुलाने का विषय क्या है। अमूमन यह होता है कि राज्य में कोई बड़ी आपदा या सरकार कोई ऐसा फैसला लेने जा रही हो जिसमें विधानसभा से सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कराने की जरूरत हो तो विशेष सत्र बुलाया जाता है। अभी झारखंड में ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है जाहिर है राज्य में चल रहे राजनीतिक उठापटक को लेकर इस विशेष सत्र में सरकार कोई बड़ा फैसला ले। यह इसलिए भी अहम हो जाता है कि शुक्रवार को राज्य सचिवालय और विधानसभा सचिवालय में विशेष सत्र को लेकर काफी गहमागहमी देखी गयी। जानकारी के अनुसार दोपहर लगभग एक बजे विधानसभा अध्यक्ष को कैबिनेट सचिव का पत्र मिल गया और विशेष सत्र में किस मुद्दे पर चर्चा होगी यह भी बता दिया गया है लेकिन खबर लिखे जाने तक विधानसभा सचिवालय से कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन विशेष सत्र में विरोधियों को औकात बताने के लिए कोई बड़ा ट्रंप कार्ड खेलने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि विशेष सत्र में वर्षों से 1932 के खतियान के आधार पर जो स्थानीय नीति की मांग की जा रही है उसपर सरकार अपना स्टैंड क्लियर कर सकती है। वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि जातीय जनगणना पर भी हेमन्त सरकार कोई बड़ा कदम उठाने कि फिराक में है। पुख्ता सूत्रों का कहना है कि इस विशेष सत्र में सरकार बहुमत साबित करेगी और एक ऐसा माहौल तैयार करेगी जिसमें विपक्ष द्वारा लगातार फेंके जा रहे पासे को पल्टी मारने का सारा कार्ड होगा। यह भी जानकारी मिली है कि सदन में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन केंद्र सरकार के खिलाफ भड़ास निकाल सकते हैं।
विशेष चर्चा कराकर विश्वास मत हासिल करेगी सरकार : आलमगीर
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए विशेष सत्र बुलाया गया है। जिसमें कई विषयों पर विशेष चर्चा कराई जाएगी। जिसमें ओबीसी आरक्षण, जातीय जनगणना व स्थानीय नीति जैसी अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। सदन में कोई बिल नहीं लाया जाएगा मगर विशेष चर्चा कराकर सरकार सदन में विश्वास मत हासिल करेगी। अभी सदन की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।