रांची।झारखंड में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे जघन्य अपराध काफी चिंताजनक है. लेकिन इस प्रकार के जघन्य अपराध पर केवल बयान बाजी और इसे केवल सांप्रदायिक चश्में से देखने से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलने वाला है।
झारखंड जैसे राज्य में जहां परंपरागत रूप से जेंडर समानता को एक मान्यता रही है यैसी घटनाएं काफी चिंताएं पैदा कर रही है. माकपा दोषी को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से कठोरतम दण्ड , परिवार को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग करती है.लेकिन अब इस प्रकार की जघन्यतम घटनाओं की सुक्ष्म जांच भी जरूरी है. क्यों कि दुमका में लगातार दो घटनाएं हो चुकी हैं.
माकपा राज्य सचिवमंडल राज्य सरकार से मांग करता है कि हाल में घटित सभी घटनाओं की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक एस आई टी का गठन किया जाय जो एक तय सीमा के अंदर इस तरह की जघन्य मामलों की जांच करे.माकपा राज्य सरकार से अपील करती है कि वह सभी राजनीतिक पार्टियों, महिला संगठनों,सामाजिक संगठनों, निर्वाचित पंचायत और स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों को शामिल कर जेंडर समानता को केंद्रीत करते हुए राज्य भर में एक जागरूकता अभियान चलाए जाने की कार्ययोजना बनाए. राज्य के सभी स्कूलों , कालेजों और शिक्षण संस्थानों में इस मुद्दे पर अभियान चलाया जाय ।राज्य में दूष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए एक साझा प्रयास ही महिलाओं और लड़कियों के प्रति बढ़ते अपराधों की रोक -थाम में कारगर हो सकता है.जो लोग और राजनीतिक दल इस तरह की जघन्य घटनाओं पर थोथी बयानबाजी कर रहें हैं। उनकी दिलचस्पी इस प्रकार के जघन्य अपराध को रोकने में नहीं बल्कि अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में है।
जम्मूतवी स्टेशन का पुनर्विकास कार्य किये जाने के कारण
ट्रेनों के परिचालन में बदलाव
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