रांची। झारखण्ड तेली संघर्ष मोर्चा की ओर से स्थान : केन्द्रीय कार्यालय डीपाटोली, पुन्दाग, राँची में एकदिवसीय अन्याय दिवस मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष धर्मदयाल साहू ने की ।
अन्याय दिवस को सम्बोधित करते हुए साहू ने कहा 6 सितम्बर 1950 को कोल तेली जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया गया था। यह दिन कोल-तेली जाति के लिए एक काला दिन के रूप में है। इसी दिन इस समाज के संवैधानिक अधिकार को एक साजिश के तहत छीना गया था। तब से लेकर आज तक कोल-तेली जाति पर चौतरफा हमला किया जा रहा है। वर्तमान में कोल-तेली जाति राज्य सरकार की साजिश का शिकार बनी हुई है।
साहू ने जोर देकर कहा कि पूरे राज्य स्तर पर कोल – तेली जाति को ग्राम स्तर पर एकजुट कर अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने का आन्दोलन तेज किया जाएगा। आनेवाले दिनों में जंतर-मंतर नई दिल्ली में भी विशाल प्रदर्शन कर भारत सरकार के सामने यह मांग रखी जाएगी ।
वर्तमान समय में सभी कोल – तेली जाति को एकजुट होने की आवश्यकता है अलग-अलग बैनर बनाकर अलग-अलग तरीके से समाज के उत्थान की बात करने से एकजुटता नहीं बन पा रही है जिसके कारण राज्य सरकार और भारत सरकार पर दबाव नहीं बन पा रहा है। अन्याय दिवस में उपस्थित मोर्चा के पदाधिकारी – जीतूराम साहू, त्रिलोकीनाथ साहू, राजाराम साहू, ईश्वर राम साहू, मुंशी कांशी, शंकर साहू, श्याम किशोर साहू, प्रदीप साहू, रामस्वरूप साहू, त्रिवेणी साहू, धनीराम साहू, गौरी साहू, विजय साहू, छत्रु साहू, लेखराज साहू, मुकेश साहू कलेन्द्र साहू, प्रकाश साहू, राजेश साहू, चन्द्रावती देवी, रूपा देवी, पुष्पा देवी, सरिता देवी, पार्वती देवी, आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे।