*बेटियों के आबरू और उनकी जान की सुरक्षा सुनिश्चित करें सरकार*
*वरना सत्ता छोड़ पिकनिक मनाने और अंडर गारमेंट्स खरीदारी करें।*
*झारखंड में लव जिहाद से जुड़ी घटनाओं को एनआईए को सौंपने की मांग।*
रांची। झारखंड की बेटियां अपनी आबरू और जान की रक्षा के लिए त्राहि-त्राहि कर रही हैं। ऐसा लग रहा है, जैसे झारखंड लव जिहादियों का सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। हर कोने से बेटियों पर अत्याचार, बलात्कार और उनकी हत्या की खबरें आ रही हैं। राज्य एक बहुत ही कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है। ईश्वर ना करें कि ऐसा दिन इस राज्य को कभी फिर देखना पड़े और ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री अपने विधायकों के साथ पिकनिक मनाते हैं। उनके छोटे भाई, जो खुद भी विधायक हैं अंडर गारमेंट्स खरीदने दिल्ली जाते हैं। उक्त बातें रांची के सांसद श्री संजय सेठ है एक बयान जारी करके कही।
सांसद सेठ ने कहा कि कितनी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि राज्य की जिस सरकार को जनता के जख्मों पर मरहम लगाने जाना चाहिए। बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। अपराधियों को, लव जिहादियों को और ऐसी मानसिकता वाले लोगों को सजा दिलाने के लिए काम करना चाहिए, वह सरकार पिकनिक मनाने और अंडर गारमेंट्स खरीदने में व्यस्त है। इससे शर्मनाक स्थिति इस राज्य के लिए और नहीं कुछ हो सकती है। मुख्यमंत्री का बयान होता है कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं और उनके भाई कुछ और खरीदारी करने दिल्ली घूमते रहते हैं। इससे पूर्व भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कह चुके हैं कि बलात्कार की अधिकतर घटनाएं फर्जी होती हैं। दरअसल यह कांग्रेस और कांग्रेस की सोच वाली सभी पार्टियों की मानसिकता है। इनके लिए बेटियों की कोई कीमत नहीं। बेटियों के जान की कोई कीमत नहीं है। उनके परिवार के भावनाओं की कोई कीमत नहीं।
रांची सांसद संजय सेठ ने कहा कि इस सरकार को समय रहते चेत जाना चाहिए। सरकार को बेटियों की सुरक्षा के लिए काम करना चाहिए। जिहादी तत्वों का मनोबल तोड़ने के लिए काम करना चाहिए। ऐसा नहीं कर सकते हैं तो इन्हे सत्ता छोड़कर पिकनिक मनाने और अंडर गारमेंट्स खरीदारी के लिए ही काम करना चाहिए। इस राज्य को ऐसी सरकार की जरूरत ही नहीं जो बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सके।
सांसद ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार यदि सही में बेटियों की सुरक्षा चाहती है। बेटियों के प्रति चिंतित हैं तो इन सभी मामलों की जांच एनआईए को सुपुर्द कर देना चाहिए क्योंकि यह कोई सामान्य घटना नहीं है। एक सीरीज में घटनाएं हो रही है, जो कहीं ना कहीं बड़ी साजिश का हिस्सा है। यदि मुख्यमंत्री झारखंड के आदिवासियों की बात करते हैं। आदिवासियों का हित चाहते हैं तो अविलंब इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दें।