हजारीबाग। राष्ट्रीय महिला किसान दिवस के मौके पर शनिवार को आईसेक्ट विश्वविद्यालय की ओर से विश्वविद्यालय के कृषि विभाग की अगुवाई में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम दारू प्रखंड के हरली पंचायत मुखिया फरजाना खातून की अध्यक्षता में स्थानीय पंचायत भवन परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कृषक महिलाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में विश्वविद्यालय के कृषि विभाग डीन डॉ अरविंद कुमार ने सभी महिला किसानों का स्वागत किया और कृषि की अहमियत बताते हुए आधुनिक कृषि तकनीकों के लाभ बताए। कृषि क्षेत्र में महिलाओं के अहम योगदान का जिक्र करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुदूरवर्ती इलाकों तक जागरूकता जरूरी है। वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में महिला किसानों का योगदान सराहनीय है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर ग्रामीण महिलाएं ना केवल आर्थिक तंगी बल्कि सूचना की कमी से भी जूझ रहें हैं। हालांकि सरकारी स्तर पर राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लेने के साथ साथ उनकी पूर्ण और समान भागीदारी का समर्थन करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, बावजूद इसके जागरूकता जरूरी है। यही वजह है कि समय समय पर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए विश्वविद्यालय स्तर पर महिला किसानों के हित के मद्देनजर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मौके पर किसान महिलाओं को जागरूक किए जाने के साथ साथ कई अहम जानकारियां भी दी गई। विश्वविद्यालय की कृषि विभागाध्यक्ष प्रभात किरण ने महिला किसानों को मिट्टी नमूना संग्रहण की विधि एवं संतुलित उर्वरक के प्रयोग के बारे में जानकारियां दी। वहीं डॉ सत्य प्रकाश विश्वकर्मा ने सामयिक फसलों पर लगने वाले कीट और रोग से बचाव को लेकर अपनाई जाने वाले तकनीक महिला किसानों को बताया। कृषि विभाग की सह प्राध्यापिका प्रिया कुमारी व खुश्बू कुमारी ने भी महिला सशक्तिकरण व हरित कवक को लेकर विस्तार पूर्वक अपनी बातें रखीं। साथ ही कृषि विभाग की प्रतिभावान छात्रा अर्पिता, अलीशा और साक्षी ने भी बीज चुनाव और उन्नत खेती को लेकर अहम जानकारियां साझा किए। मौके पर जनप्रतिनिधि, प्रगतिशील किसानों के साथ साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।