देश हित में जनसंख्या नियंत्रण कानून अविलंब लागू किया जाना चाहिएः पूज्य श्री सुरेन्द्र हरीदास जी महाराज


पूज्य श्री सुरेन्द्र हरीदास जी महाराज के सानिध्य में श्री श्री राधा कृष्ण प्रेम मंदिर के तत्वावधान केन्दुआ में 12 नवम्बर से 19 नवंबर तक #श्री मद भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है ।

आज श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस की शुरूआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज श्री ने सभी भक्तगणों को “अनमोल तेरा जीवन किस और जा रहा है ” भजन श्रवण कराया।

श्री सुरेन्द्र हरीदास जी महाराज ने कहा कि जो सबको साथ लेकर चलता है, वही सनातन है। महाराज जी ने कहा कि देश हित नें जनसंख्या नियंत्रण कानून अबिलंव लागू किया जाना चाहिए। देश में जनसंख्या अनियंत्रित होने से कई तरह की समस्याएं जन्म लेती हैं। इसलिए देश हित में यह कानून आना बहुत जरुरी है।

उन्होने कहा कि जीवन का दीर्घायु होना महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि कोई अल्पायु होकर भी शानदार जीवन कैसे जिया। परमात्मा के मिलने में जाति कोई मायने नहीं रखती। पहले ईश्वर को जानने की कोशिश करें, फिर उसे मानें, यही भक्ति का सिद्धांत है। लेकिन बिना गुरु कृपा के ईश्वर नहीं मिलते। सच्चे गुरु भी तभी मिलते हैं, जब ईश्वर की अनुकंपा होती है।

पूज्य महाराज श्री ने कहा कि हमें कभी भी धन, बल, पद, यहां तक की भक्ति पर भी अभिमान नहीं करना चाहिए। उन्होने कहा कि ईश्वर को भोजन अभिमान को हरना है। इसलिए ईश्वर प्राप्ति करना चाहता है तो पहले अभिमान का त्याग करना होगा। पृथ्वी पर सबसे बड़ा बोझ झूठ और बाल हत्याओं का है। भगवान कृष्ण ने तब अवतार लिया था, जब कंस ने सात बच्चों की हत्या कर दी थी।

श्री सुरेन्द्र हरीदास जी महाराज ने कहा कि हर पाप का प्राश्चित है, लेकिन भ्रूण हत्या का कोई पश्चाताप नहीं है। उन्होने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून न बने तब तक बच्चे होने पर पाबंदी न लगाएं, क्यों यदि एक समाज संतुलन होना जरुरी है। ठाकुर जी ने कहा कि देश हित में जनसंख्या नियंत्रण कानून अबिलंव लागू किया जाना चाहिए। उन्होने सनातनियों के अपने बच्चों की शादी समय पर कराने पर भी जोर दिया। इस कथा को सफल बनाने में प्रमुख रूप से संजीव साव, सोनी देवी, मोती लाल वर्मा,संजय जालान, कुणाल सिंह, वानर सेना, राधे कृष्णा राय, रीना देवी, प्रकाश लाडिया, श्रवण अग्रवाल, संतोष कुमार साव, आदि सहित सभी समाज के लोगों का सहयोग रहा।

श्रीमद् भागवत कथा के अष्टम दिवस द्वारिका लीला, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, व्यास पूजन पूर्णाहुति का वृतांत सुनाया जाएगा।

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