धनबाद:डीएवी कोयलानगर के प्रांगण में 74 वां गणतंत्र दिवस अत्यंत धूमधाम से मनाया गया।मौके पर बतौर मुख्य अतिथि विद्यालय के प्राचार्य एन.एन. श्रीवास्तव,विशिष्ट अतिथि करुणा श्रीवास्तव,अभिभावक गण,मीडियाकर्मी गण, विद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी गण एवं छात्र- छात्राएं विशेष रूप से उपस्थित थे।सर्वप्रथम विद्यालय के प्राचार्य एन.एन. श्रीवास्तव व विशिष्ट अतिथि करुणा श्रीवास्तव को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया।तत्पश्चात विद्यालय के प्राचार्य एन.एन. श्रीवास्तव व विशिष्ट अतिथि करुणा श्रीवास्तव,वरिष्ठ शिक्षक पी.एन.झा व एस. के. पटनायक ने ध्वजारोहण कर तिरंगे को सलामी दी तथा संगीत शिक्षक सी.पी. मिश्रा के नेतृत्व में विद्यालय के छात्रों ने सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गान की प्रस्तुति की।इस विशिष्ट अवसर पर विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई। जिसमें विशेष रूप से सरस्वती वंदना,सामूहिक देशभक्ति गान, विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य,बाल नृत्य आदि ने समस्त दर्शकों का मन मोह लिया।कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा जिज्ञासा और श्रेयांसि ने गणतंत्र दिवस के इस पुनीत अवसर पर देश की उपलब्धि व विशिष्टताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।उक्त अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य एन.एन.श्रीवास्तव ने अपने स्वागत संबोधन में विद्यालय प्रांगण में उपस्थित सभी को 74 वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संविधान के लागू होने के दिन से लेकर अब तक हमारी अद्भुत यात्रा रही है। देश के प्रत्येक नागरिक को देश के गौरव का अनुभव होता है। हमारा देश आत्मनिर्भर भारत के पथ पर निरंतर अग्रसर होकर विकसित देशों के कतार में खड़े होने की ओर उन्मुख है।हमें गर्व होना चाहिए कि आज हम अपने देश की संस्कृति के गौरवशाली इतिहास को मना रहे हैं।आजादी का अमृत महोत्सव भी भारत की सामाजिक,सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक पहचान का प्रतीक है। यह महोत्सव भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है।उन्होंने राष्ट्र हित को प्रत्येक नागरिक का सर्वोपरि कर्तव्य माना व देश के प्रति हमारा कर्तव्य क्या होना चाहिए इस पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति हमारी अमूल्य धरोहर है और इसे अक्षुण्ण रखना प्रत्येक नागरिक का परम कर्तव्य है। मंच संचालन कविता विकास, पवन पांडे एवं मौसमी दास ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका शालिनी पाल ने किया।उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के खेल शिक्षक एस.के.पटनायक,सुखदेव सिंह,मनीष कुमार, सुनीता ठाकरे, सुदीप चक्रवर्ती, कविता विकास,पवन पांडे,मौसमी दास,सी.पी. मिश्रा, सचिन कुमार, इंद्रनिल मुखर्जी, एस.नारायण,अनिल कुमार, अजीता चक्रवर्ती, रश्मि गांगुली, ब्रोतिन कहाले,ममता श्रीवास्तव समेत सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।