धनबाद:एशियन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में अब किडनी बायोप्सी का इलाज किडनी के मरीज सुलभ रूप से करा सकते हैं।200 से भी अधिक किडनी बायोप्सी कर चुके अनुभवी किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ मिहिर कुमार ने बताया अबतक इसका इलाज लोग रांची,कोलकाता जैसे बड़े शहरों में अधिक खर्च देकर करा रहे थे।उन्होंने बताया किडनी बायोप्सी इलाज एक ऐसी पद्धति है जिसमें किडनी के फेल होने के कारणों का पता अल्ट्रासोनिक गाइडेड उपकरण के द्वारा लगाया जाता है इसमें अल्ट्रासाउंड करते हुए नीडल के माध्यम से किडनी बायोप्सी गन से किडनी से एक छोटी टिश्यू लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रमाणित प्रख्यात लैबोरेट्रीज में भेजते हैं जहां लैब के रिपोर्ट के अनुसार उनका त्वरित इलाज एशियन हॉस्पिटल में शुरू हो जाता है इसी आधार पर मरीज को डायलिसिस पर जाने से बचाया जा सकता है।डॉक्टर मिहिर कुमार ने बताया भारत में क्रॉनिक किडनी बीमारियों के 50 फ़ीसदी मामले मधुमेह और 30 फ़ीसदी मामले उच्च रक्तचाप के कारण होते हैं. यह समस्या तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है जब लोग नहीं जानते कि उनको सही परामर्श के लिए कहां जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कुछ दिन पूर्व ही धनबाद के कृष्णा पांडे नामक मरीज का इलाज किडनी बायोप्सी के द्वारा किया गया जिन्हें डायलिसिस से मुक्त रखा गया और रिपोर्ट के अनुसार दवा दिया गया फलस्वरूप अब वे स्वस्थ हैं और अपनी सामान्य दिनचर्या कर सुलभ जिंदगी जी रहे हैं।इसी प्रकार शुक्रवार को एक 18 वर्षीय युवक की किडनी बायोप्सी लैब में भेजी गई है और रिपोर्ट आते ही त्वरित इलाज शुरू कर दी जाएगी।उन्होंने बताया किडनी बायोप्सी में करीब 10 दिनों बाद रिपोर्ट के आधार पर फाइनल ट्रीटमेंट शुरू कर दवा दिया जाता है।गंभीर मामले में मरीज को कुछ दिन के अंतराल पर बुलाया जाता है अन्यथा प्रिसक्राइब की गई दवा का कोर्स कंप्लीट करने के बाद ही बुलाया जाता हैं।किडनी बीमारियों की कुछ स्थिति में यूरोलॉजिस्ट से जांच की भी जरूरत पड़ सकती है।एशियन हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट विशेषज्ञ डॉक्टर श्रवण ने कहा गुर्दे की पथरी बहुत आम बीमारी है इस बीमारी के लक्षण में पेट दर्द, पेशाब में खून आना, पेशाब करने में परेशानी होना, पेशाब बुखार आना इत्यादि है कई बार मरीजों में कोई लक्षण नहीं दिखता देता और किसी और बीमारी की जांच में इसका पता चलता है इस पर भी अगर सही समय में ध्यान नहीं दिया गया तो यह बड़े आकार में बढ़ सकता है पथरी किडनी से निकलकर यूरेटर में फंस जाती है इस कारण मरीज को तीव्र दर्द होता है और अगर ज्यादा दिनों तक पथरी यूरेटर में फंसी रहती है तब किडनी से पेशाब के बहाव को रोकती है जिससे किडनी में सूजन होता है और धीरे-धीरे किडनी खराब होने की संभावना बन जाती है। यदि किसी इंसान को बार-बार पथरी बन रही है तो मेटाबॉलिक पैनल इवैल्यूएशन किया जाता है जिससे पता चलता है कि किस कारण से पथरी बनी है और उसकी रोकथाम के लिए मरीजों को सही दवाएं दी जाती है पुराने पथरी में दीवानों के पनपने की संभावना बनी रहती हैं यह जीवाणु धीरे-धीरे मनुष्य के रक्त में जाते हैं जो मरीज को बुखार आने के साथ साथ भी बढ़ने का खतरा रहता है ऑपरेशन के बाद भी मरीजों को बुखार आने की संभावना बनी रहती है इसलिए गुर्दे की पथरी को अनदेखी कर हल्के में नहीं लेनी चाहिए और किसी विशेषज्ञ से इसके इलाज के लिए परामर्श करना चाहिए समय रहते इसका इलाज नितांत आवश्यक है। पहले ऑपरेशन के द्वारा इसका इलाज होता था अब इसके लिए एशियन हॉस्पिटल में लेटेस्ट तकनीक रेट्रो गाइडेड इंट्रो रिनल सर्जरी से पेशाब के रास्ते किडनी स्टोन को चूरकर पाउडर जैसा करते हैं फलस्वरूप किडनी स्टोन के चूर और पाउडर स्वत: पेशाब के रास्ते निकल जाते हैं। इसके लिए हॉस्पिटल में लेजर मशीन भी उपलब्ध है। इसका त्वरित इलाज होता है तथा मरीज को उसी दिन हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी जाती है या बुखार आने पर एक-दो दिन हॉस्पिटल में रखा जाता है। लोगों को इस महत्वपूर्ण जानकारी देने के मौके पर एशियन हॉस्पिटल के सेंटर हेड डॉक्टर सी. राजन एवं एवं एशियन हॉस्पिटल के अधिकारी ताजुद्दीन उपस्थित थे।

