इस्कॉन द्वारा आयोजित त्रि दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का दूसरा सत्र संपन्न



धनबाद: शनिवार को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर इस्कॉन धनबाद द्वारा आयोजित त्रि दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का दूसरा सत्र जगजीवन नगर के इस्कॉन मेडिटेशन सेंटर में 18 फरवरी 2023 को संपन्न हुआ। शनिवार को भी सैकड़ों की तादाद में भक्तों ने भाग लिया। धनबाद विधायक राज सिन्हा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कथा व्यास के रूप में इस्कॉन के अत्यंत वरिष्ठ वैष्णव विश्व विख्यात कथाकार श्रद्धेय देवकीनंदन प्रभु के दिव्य कंठ से कथा सुनकर सब का ह्रदय आनंदित हो गया। देवकी नंदन प्रभु मात्र 17 वर्ष की आयु में इस्कॉन संस्था से जुड़े और पिछले 45 वर्षों से लगातार संस्था से जुड़े रहकर कृष्ण भक्ति का प्रचार कर रहे हैं एवं समाज की निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं। देवकीनंदन प्रभु पूरे भारत में भागवत कथा करने के लिए सुविख्यात हैं। देवकीनंदन प्रभु भारत के कई भागों जैसे कि झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, इत्यादि के जोनल सेक्रेटरी हैं। वह कई मंदिरों में प्रेसिडेंट के तौर पर सेवा दे चुके हैं। वर्तमान में वे इस्कॉन के फंडरेजिंग कमिटी के प्रमुख भी हैं और विभिन्न प्रकार की सेवाओं के माध्यम से वह मानव कल्याण का कार्य कर रहे हैं।प्रथम सत्र में बताएं गए महारानी कुंती, कुंती भोज के इतिहास के विस्तृत वर्णन के पश्चात महारानी कुंती के दिव्य गुणों का उल्लेख करते हुए देवकीनंदन प्रभु ने बताया कि कैसे व्यक्ति में कृतज्ञता और विनम्रता का भाव ही है जो भगवान को अति प्रिय लगता है और उन्हें प्रसन्न करता है। यह दोनों भाव कुंती महारानी के जीवन में हमें बार-बार अत्यधिक मात्रा में दिखाई देते हैं। कुंती महारानी एवं पांडवों को अपने जीवन में सैकड़ों असाधारण कष्टो और विपत्तियों का सामना करना पड़ा। पांडू की मृत्यु, लाक्षागृह, पुत्र वधू का वस्त्रहरण से लेकर पांडव पुत्रों की हत्या इन सारी विपत्तियों में महारानी कुंती और उनके निष्पाप पुत्रों ने कभी भी भगवान श्री कृष्णा का स्मरण, उनके प्रति समर्पण और श्रद्धा व कृतज्ञता की भावना का त्याग नहीं किया। इसी प्रकार हमें भी जीवन में आ रही समस्याओं को भगवान की कृपा के रूप में स्वीकार करना चाहिए और उनका स्मरण करते हुए हर परिस्थिति में कृतज्ञ रहना चाहिए।देवकीनंदन प्रभु ने व्यक्ति के जीवन में अभिभावक के महत्व पर भी प्रकाश डाला जिस प्रकार महारानी कुंती के दिव्य गुण पांडवों में भी प्रकाशित होते हैं यह बहुत महत्वपूर्ण है की माता पिता अपने बच्चों को भौतिक विज्ञान के साथ-साथ नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा भी प्रदान करें।देवकीनंदन प्रभु ने बताया कि जिस प्रकार गंगा का प्रवाह किसी भी प्रकार की बाधाओं से रुकता नहीं है उसी प्रकार व्यक्ति को श्री कृष्णा के चरणों के प्रति अपनी भक्ति को भगवान के कीर्तन, नाम जप और कथा द्वारा निरंतर रखना चाहिए।कथा के उपरांत सभी भक्तों ने कीर्तन, सात्विक एवं स्वादिष्ट प्रसाद का आनंद लिया।
कथा का अंतिम सत्र 19 फरवरी संध्या 5:00 बजे न्यू टाउन हॉल में आयोजित है जहां प्रातः काल 10:00 बजे 19 फरवरी को ही समस्त धनबाद के युवाओं के लिए मेगा यूथ फेस्टिवल का भी आयोजन किया गया है।

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