Posted by Dilip pandey
धनबाद जोड़ापोखर: झरिया विधानसभा के वार्ड नम्बर 42 के फुसबंगला, शालीमार व जोड़ापोखर इलाके के जल उपभोक्ताओं द्वारा पानी नहीं मिलने की शिकायत मुख्यमंत्री को भेजने के बावजूद कोई असर नहीं देखा जा रहा है। यहाँ के उपभोक्ताओं द्वारा ‘पानी-बिजली उपभोक्ता मंच’ बनाकर मुख्यमंत्री से यह शिकायत की गई है कि इनके इलाके में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होती है। उपभोक्ताओं के अनुसार उन्हें हफ्ते में एक या दो दिन ही पानी मिलता है। उसमें भी प्रेसर इतना कम होता हसि कि ठीक से बर्तन भी नहीं भरते। मजबूरन उन्हें बाजार से पानी खरीदना पड़ता है। इन शिकायतों के साथ पानी बिल में अनैतिक रूप से जोड़े जा रहे ब्याज की राशि हटाने, बिजली की तरह पानी बिल में सब्सिडी देने तथा मोटी रकम की बिल को क़िस्त में चुकाने के प्रावधान करने की मांग रखी गई है।
बताते है कि मुख्यमंत्री को शिकायत भेजे जाने से झमाडा प्रबंधन दिखावे के लिए धनबाद से एक कर्मचारी को भेजकर पानी नहीं मिलने के कारणों की जांच करवाने में लगी है। साथ ही सप्लाई पाइपों के लीकेज और वल्वों कि मरम्मती की बात की जा रही है। लेकिन हकीकत यह है कि उसके एवज में उपभोक्ताओं को ज्यादा पानी मिलने के बजाय पहले जो भी थोड़ा बहुत पानी मिल रहा था, अब वह भी बंद हो गया है। उपभोक्ताओं के अनुसार पिछले 8-10 दिनों से उनके नलों से एक बूंद भी पानी नहीं गिरा है। इससे उपभोक्ताओं में भीषण आक्रोश है।
उल्लेखनीय है कि जोड़ापोखर अंचल में वैकल्पिक जल स्रोत नहीं होने के कारण उपभोक्ताओं को झमाडा पर निर्भर रहना मजबूरी होता है। लेकिन झमाडा तकनीकि रोना रोते हुए महीने में 15 दिन ही पानी देने की बात करती है लेकिन उसमें भी ऊंचे जगह में रहने वाले उपभोक्ताओं को महीने में 7-8 दिन ही पानी मिलता है। इस भीषण गर्मी में पानी नहीं मिलने से आक्रोशित जनता सड़क पर उतरने का मन बना रहे है।