Posted by Dilip Pandey
धनबाद: मंगलवार को धनबाद जिला के रणधीर वर्मा चौक पर एनएसयूआई के जिला के अध्यक्ष गोपाल कृष्णा चौधरी के द्वारा विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के प्रबंधन का पुतला फूंका गया। एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में कुलपति के द्वारा लगातार तानाशाही की जा रही है और छात्रों के भविष्य खिलवाड़ किया जा रहा है, कुलपति किसी भी छात्र की जायज मांग को सुनने को तैयार नहीं है वह बस अपनी मनमानी कर रहे हैं, आज पूरे विश्व विद्यालय में ना ही छात्र और न ही शिक्षाकर्मी और ना ही अन्य कर्मियों के हित की बात होती है, पूरे विश्व विद्यालय में आज कोई भी छात्र या कर्मी कुलपति के कार्यों से संतुष्ट नहीं है और अपने विरोध को दर्ज कराने में इसलिए डरता है कि कुछ भी बोलने पर उन पर कार्रवाई कर दी जाती है, जो शिक्षक और प्रोफेसर इनकी बातों पर सवाल करता है उन्हें पनिशमेंट ट्रांसफर दिया जाता है,इसी का यह परिणाम है कि एनएसयूआई के द्वारा 21 जून को की गई तालाबंदी में भी एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष समेत चार अज्ञात पर भी कानूनी कार्रवाई की गई, तथा उन पर पठन-पाठन के कार्य में बाधा पहुंचाने का झूठा आरोप लगाया गया, जबकि उस दिन योग दिवस के अवसर पर विश्व विद्यालय में अवकाश की घोषणा की गई थी। विश्वविद्यालय का केवल एक ही मकसद है कि वह छात्र राजनीति को कुचलना चाहते हैं ताकि उनके मनमानी का कोई भी विरोध करने में डरे। धनबाद बोकारो में अनगिनत आंदोलन के बाद अपना विश्वविद्यालय मिला है और यह विश्वविद्यालय धनबाद वासियों के लिए गर्व का विषय है, और धीरे-धीरे यह विश्वविद्यालय अपने अच्छे दिनों की ओर बढ़ रहा था लेकिन वर्तमान कुलपति के आने के बाद पूरा विश्वविद्यालय ही अपने लक्ष्य से भटक गया और अब केवल विश्वविद्यालय में तानाशाही और मनमानी हो रही है। आज धनबाद और बोकारो में पीजी की पढ़ाई सब जगह बंद हो गई है उसका केवल एक कारण है कुलपति की मनमर्जी, उन्होंने संसाधनों का हवाला देकर पीजी की पढ़ाई बंद की लेकिन उन्होंने संसाधनों को पूर्ति करने के लिए कभी प्रयास नहीं किया। इसी का नतीजा है कि अभी सेमेस्टर वन में 70 परसेंट बच्चे फेल हो गए हैं,सबको दुबारा परीक्षा देना होगा और परीक्षा फल आने की 1 महीने के अंदर सेमेस्टर 2 का एग्जाम लिया जा रहा है और फिर से यही परीक्षा फल की पुनरावृति होगी, कुलपति महोदय का केवल एक सपना है कि विश्व विद्यालय का भवन चमकता है इसके लिए पूर्व धनबाद के सभी कॉलेजों की शिक्षा व्यवस्था बर्बाद हो जाए इन्हें फर्क नहीं पड़ता।एनएसयूआई ने कुलपति महोदय से तीन सवाल पूछे’कुलपति बंगले में 14 लाख का जो सामान लगाया है क्या वह सरकारी खर्चे से की गई हो तो उसका टेंडर प्रक्रिया सार्वजनिक की जाए, क्या यह पैसा जिला के एक बड़े नर्सिंग कॉलेज के द्वारा नहीं दिया गया है??”क्या सभी बी. एड. कॉलेजों से कमाई में एक चौथाई हिस्से की मांग नहीं की गई थी?? और आखिर में जाकर 7 लाख प्रति कॉलेज के हिसाब से यह वार्ता पूर्ण हुई??”
“सरकारी बंगले में रहते हुए इन्होंने जो घर का एचआरए लिया था क्या इन्होंने वापस किया?? क्या एग्जाम कंट्रोलर के पास जो पुराना बोलेरो गाड़ी थी वह इनके परिवार के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है ? जिला अध्यक्ष गोपाल कृष्णा चौधरी ने कहा कुलपति संघी विचारधारा से ग्रसित है, एनएसयूआई के द्वारा लगातार 8 घंटे भूखे प्यासे गेट पर बैठने के बाद भी कोई अधिकारी मिलने नहीं आया, और भाजपा के छात्र संगठन के कार्यक्रम में अधिकारी गेट के बाहर आकर छात्रों के साथ फोटो खिंचवाने का कार्य करते हैं। जब एनएसयूआई के छात्र आंदोलन पर पुलिस केस हो सकता है तो आज संगठनों के आंदोलन पर क्यों नहीं हो रहा ? विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति को दबाकर दलगत राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है। और कुलपति महोदय सामने से कहते हैं कि मैं भी भाजपा का सदस्य रह चुका हूं तू इनसे निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद नहीं की जा सकती।
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