झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा

Posted by Dilip Pandey

धनबाद: मंगलवार को झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति का एक प्रतिनिधिमंडल धनबाद उपायुक्त से मिलकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उपायुक्त के माध्यम से एक मांग पत्र दिए। मांग पत्र में झारखंड में बांग्ला भाषा एवं बांग्ला भाषीयों को उचित मान सम्मान प्रदान करने के संबंध में ,झारखंड राज्य एक बांग्ला बहुल क्षेत्र है, इस राज्य के पांचों प्रमंडल के अधिकांश जिले में बांग्ला भाषा बांग्ला लोकाचार बांग्ला रीति-रिवाज बांग्ला लोक उत्सव बांग्ला लोककला आज भी जीवंत है, राज्य के 42 प्रतिशत से भी अधिक की आबादी बांग्ला भाषा बोलती है, और समझती है खासकर ग्रामीण झारखंड में आज भी बांग्ला ही प्रमुख बोलचाल की भाषा है,जबकि सरकारी आंकड़ा राज्य में 11 प्रतिशत बांग्ला भाषाीयों का राज्य में होना दर्शाता है,संपत्ति राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति परीक्षा नियमावली में जो संशोधन किए गए हैं उसमें राज्य के 24 जिलों में से 10 जिलों में बांग्ला को क्षेत्रीय भाषा की मान्यता प्रदान किया गया है,जो स्पष्ट करता है कि राज्य में 42% से अधिक की आबादी बांग्ला भाषी है,जबकि उसी सूची में अन्य कई जिलों को सम्मिलित नहीं किया गया है,यहां बांग्ला भाषा भाषियों का निवास है,विगत 23 वर्षों में सत्ता एवं शासन द्वारा राज्य में बांग्ला भाषा एवं बांग्ला भाषियों का घोर उपेक्षा की गई है,जिससे संपूर्ण राज्य में बांग्ला वासियों का घोर आक्रोश संचार हुआ है , मांग पत्र में- राज्य के सभी जिलों में बांग्ला माध्यम के विद्यालय में सभी विषय के बांग्ला शिक्षकों की समुचित संख्या में नियुक्ति सुनिश्चित किया जाए, सरकारी सह अन्य विद्यालय में भाषा शिक्षक के रूप में एक बांग्ला भाषा की शिक्षक की नियुक्ति किया जाए, राज्य के सभी जिलों में वर्ग 1 से लेकर 12वीं तक बांग्ला भाषा की पुस्तकों की आपूर्ति पिछले 23 वर्षों में नहीं की गई है अतः सभी निजी तथा सरकारी विद्यालय में वर्ग 1 से लेकर 12वीं तक सभी विषय में बांग्ला माध्यम के पुस्तकों की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाए तथा बांग्ला भाषा मैं पढ़ाया जाए, सबसे अधिक संख्या में बांग्ला भाषी लोग धनबाद सह राज्य के जिन जिलों में रहते हैं,वहां के रेलवे स्टेशनों में बांग्ला में लिखे गए नाम को साजिश के तहत मिटा दिया गया है,जबकि उन स्टेशनों में बांग्ला के नाम आजादी के बाद से ही लिखे गए हैं अतः अविलंब उन स्टेशनों में बांग्ला भाषा में नाम लिखे जाने की संबंधी आदेश और दिशा निर्देश निर्गत करने की कृपा किया जाए, धनबाद उपायुक्त से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सिंदरी के पूर्व विधायक फूलचंद मंडल, बेंगू ठाकुर,रेखा मंडल,रीना मंडल, कल्याण भट्टाचार्जी, राणा सुशोभन चक्रवर्ती, रघुनाथ राय, बबलू सरकार,समीर मंडल,राजू प्रमाणिक, टनी बनर्जी, बादल सरकार,सुरजीत चंद्रा,अमिताभ बनर्जी आदि लोग शामिल थे।

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