Posted by Dilip Pandey
धनबाद : धनबाद नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत मटकुरिया श्मशान घाट की जर्जरता स्थिति पर निगम के अधिकारी, न काम करेंगे और न करने देंगे की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। दरअसल, मामला यह है कि पिछले दिनों
मटकुरिया श्मशान घाट की बदहाली पर वासेपुर के समाजसेवी मुख्तार खान ने घोषणा की थी कि अगर निगम दस दिनों के अंदर क्षतिग्रस्त सीढ़ी और शैया का मरम्मत नही कराता है तो वे अपने स्तर से वहां मरम्मत का कार्य प्रारंभ करेंगे।
तय घोषणा के अनुसार शुक्रवार को जब समाजसेवी मुख्तार खान ने मरम्मत कार्य शुरू करवाया तो महज चंद मिनट में निगम कर्मी अनिल कुमार पहुंचे और यह कह कर काम बंद करवा दिया कि बगैर नगर आयुक्त की अनुमति के आप श्मशान घाट में कोई भी कार्य नही कर सकते।
इस पर श्री खान ने बिना समय गंवाए ही नगर आयुक्त से मुलाकात की तो उन्होंने काम करने की अनुमति देते हुए कार्यपालक पदाधिकारी मो. अनीस से बात करने को कहा। मो अनीस ने यह कहते हुए पलड़ा झाड़ दिया कि जब नगर आयुक्त ने कार्य करने की अनुमति दे दी है तो उन्हें इस मामले में बेवजह न घसीटा जाए। बाद में एक बार फिर श्मशान घाट में मरम्मत कार्य शुरू किया गया। थोड़ी देर मे ही मो. अनीस ने मुख्तार खान को फोन कर कार्य बंद कर देने को कहा। इस बाबत मुख्तार खान जनहित की लाख दुहाई देते रहे किंतु उनकी एक न सुनी गई। ऐसे में मटकुरिया श्मशान घाट की क्षतिग्रस्त सीढ़ी और शैया का मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला गया है।
इस घटना पर मुख्तार खान ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा है कि निगम के अधिकारियों का जमीर मर चुका है। श्मशान जैसे पवित्र स्थान पर भी निगम अपना तानाशाही रवैया दिखाते हुए न तो काम कर रही है और न करने दे रही है, जो बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है।
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