झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन,रांची के कोर कमिटी की एक अति आवश्यक बैठक संपन्न

Posted by Dilip Pandey

धनबाद.झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन,रांची के कोर कमिटी की एक अति आवश्यक बैठक एप्पल रेस्टोरेंट्स,बेकार बांध, धनबाद में हुई. बैठक की अध्यक्षता एस कुमार प्रदेश उपाध्यक्ष ने किया। बैठक में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा हुई.

1.आरटीई प्रथम संशोधन-2019 कॉमन विषय है, जो उच्च न्यायालय, राँची में लम्बित है ।
2. केंद्रीय स्कॉलरशिप जो सरकारी बच्चों को मिलती है, हमारे बच्चों को नहीं मिलती ।
3. निम्न और मध्यम दर्जे के छोटे स्कूलों में ईएसआई की बजाय स्टेट गवर्नमेंट द्वारा जारी योजनाएं यदि बेहतर हो, तो स्कूलों को उनको चुनने की आजादी होनी चाहिए ।
4. प्रत्येक जिला में शिक्षण शुल्क तय करने के लिए लगभग शुल्क एक्ट लागू नहीं किया गया है, तो शुल्क नहीं देने वाले अभिभावक के खिलाफ शिक्षण शुल्क वसूलने का कानून भी राज्य सरकार बनाए ।
5. निम्न और मध्यम वर्गीय के विद्यालयों के लिए एमएसएमई की तर्ज पर विभिन्न नियम लागू करने अथवा रियायत देने हेतु राज्य सरकार कानून बनाए ।
6. निम्न और मध्यम वर्गीय के गैर सरकारी स्कूलों को प्रोत्साहन, संरक्षण एवं संवर्धन करने तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए झारखंड- सरकार राज्य में “शैक्षिक कल्याण बोर्ड” गठन कराने हेतु हमसबों की एकजुटता आवश्यक है, झारखंड-सरकार भी शैक्षणिक कल्याण बोर्ड बनाए, जैसे राजस्थान में सरकार द्वारा घोषणा की है ।
7. शिक्षा विभाग, झारखंड -सरकार,रांची के द्वारा निजी विद्यालय के कक्षा अष्टम के बच्चों को बोर्ड परीक्षा देने से रोक लगाया गया। कभी मान्यता के नाम पर भयाक्रांत करना, क्या यह न्यायोचित है। सरकार शिक्षा के क्षेत्र में दो तरह का नियम क्यों बनाती है । उक्त बैठक में झारखंड प्राइवेट स्कूल के महासचिव राम रंजन कुमार सिंह,कोडरमा जिला इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार धनबाद से अध्यक्ष एसके सिन्हा,जिला सचिव इरफान खान,जिला संयोजक सुधांशु शेखर, सोनू सर नव आगंतुक विशिष्ट अतिथि हरे राम मिश्रा,निरसा प्रखंड इकाई के अध्यक्ष रंजीत कुमार मिश्रा, गोड्डा जिला इकाई के प्रदेश के संगठन मंत्री नरसिंह महतो,प्रमंडल सचिव शशिकांत गुप्ता, देवघर से उपाध्यक्ष यश कुमार जी प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री प्रेम कुमार केसरी,देवघर जिला इकाई एवं प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य डॉक्टर जेसी राज,हजारीबाग से नकुल मंडल , विजय कुमार बरनवाल आदि उपस्थित थे.

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