Posted by Dilip Pandey
केंद्र सरकार की जन विरोधी एवं राष्ट्रविरोधी नीतियों के खिलाफ श्रम संगठनों का महापड़ाव
धनबाद: बुधवार को श्रमिक संगठनों का देशव्यापी संयुक्त अभियान के तहत रणधीर वर्मा चौक के पास गांधी सेवा सदन के प्रांगण में अंग्रेज भारत छोड़ो ऐतिहासिक दिन पर ट्रेड यूनियन और कर्मचारी संगठनों का संयुक्त मोर्चा ने केंद्र की भाजपा नेतृत्ववाली डबल इंजन की सरकार का जनविरोधी, राष्ट्रविरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूर – कर्मचारी का महापड़ाव संपन्न हुआ।मजदूर और कर्मचारी का पहला चरण महापड़ाव के जरिए अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि आज जनता के साथ-साथ हमारे देश की स्थिति चिंताजनक ही नहीं कि संकटग्रस्त बना हुआ है इसके लिए केंद्र सरकार की मौजूदा नीति जिम्मेदार है।वैकल्पिक नीतियों के तहत, चार मजदूर विरोधी लेबर कोड को रद्द करना, किसानों के लिए वैधानिक एमएसपी सुनिश्चित करना , विनिवेश और एनएमपी के प्रयासों को समाप्त करना, बिजली संशोधन विधेयक एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति वापस करना, अनौपचारिक क्षेत्र के कामगार , ठेकेदार कामगार एवं स्कीम वर्करों के लिए कानूनी तथा सामाजिक सुरक्षा , समान काम के लिए समान वेतन, शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी तथा मनरेगा की मजबूतीकरण सुनिश्चित करना, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करना, पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क कम करना, मूल्य वृद्धि पर रोक लगाने के साथ-साथ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अमीर और कॉर्पोरेट पर उच्च कर लगाने तथा जन सुविधाओं के क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि के मांगों को दोहराया गया।
इस कार्यक्रम में इंटक, एटक, सीटू, ऐक्टू, एचएमएस, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, यूटीयूसी आदि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ – साथ मजदूर कर्मचारी समन्वय समिति धनबाद के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया ।अभियान का दूसरा चरण संयुक्त किसान मोर्चा के साथ संयुक्त रूप से चलाया जाएगा, जिसकी घोषणा 24 अगस्त को दिल्ली में किसानों और मजदूरों के संयुक्त सम्मेलन से की जाएगा।महापड़ाव की अध्यक्षता ए के झा (इंटर), आर पी सिंह (एचएमएस), सुरेश प्रसाद गुप्ता (सी आई टी यू), बैजनाथ सिंह (ए आई सी टी यू), आर के तिवारी (ए आई यू टी यू सी), भूपेंद्र सिंह (ए आई सी सी टी यू) ने किया।महापड़ाव का उद्घाटन सीटू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कॉ. ज्ञान शंकर मजूमदार ने किया।

