Posted by Dilip Pandey
धनबाद: शनिवार को नारायणी चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित दिव्यांग बच्चों की विशेष स्कूल पहला कदम में 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को प्रीवोकेशनल ट्रेनिंग के क्रम में रोज़मर्रा के काम की ट्रेनिंग के अंतर्गत किचन गार्डन, कपड़े आयरन करना और शिक्षकों की निगरानी में खाना बनाने की ट्रेनिंग दी गई। ये बच्चे भी रोजमर्रा के सब कार्य कर सकते है जो सामान्य बच्चे कर सकते है। इन बच्चो में हर कार्य करने की क्षमता होती है कमी है तो बस आत्मविश्वास की। हमारे दिव्यांग बच्चे चाहे जिस भी दिव्यांगता से पीड़ित हो प्यार और विश्वाश से ये दिव्यांग बच्चे अपने रोज के कार्य ट्रेनिग के बाद बखूबी से कर सकते है और आत्मनिर्भर बन सकते है, शिक्षण प्रशिक्षण के साथ साथ हर एक फील्ड में दिव्यांग बच्चे किसी से कम साबित न हो यही सचिव अनिता अग्रवाल का सपना है।

