टुण्डी प्रखण्ड कांग्रेस कमेटी के द्वारा कलाली मोड़ अम्बेडकर चौक से कटनीया बाजार तक प्रखण्ड अध्यक्ष आनन्द मोदक के नेतृत्व में जय बापू ,जय भीम अभियान, जय संविधान, कार्यक्रम का 20 वां दिन जारी रखते हुए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर सम्मान मार्च निकाला गया। कार्यक्रम के सभा की अध्यक्षता प्रखण्ड अध्यक्ष आनन्द मोदक ने किया जिसमें मुख्य अतिथि धनबाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह , विशिष्ट अतिथि कार्यकारी अध्यक्ष राशिद रजा अंसारी,
मौजूदगी में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धनबाद कांग्रेस कमिटी के जिलाध्यक्ष संतोष सिंह
ने कहा भाजपा व आर एस एस शूरू से संविधान विरोधी रही है। संविधान सभा की बैठक 6 दिसंबर 1946 को
शुरू हुई। संविधान को 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया। 19 नवंबर 1939 को महात्मा गाँधी जी के व्यान ने संविधान निर्माण की नींव रखी। गांधी नें जनभावना को
दर्शाने वाले स्वदेशी संविधान आवश्यकता को पहचाना।
जिलाध्यक्ष सिंह ने कहा
30 नवंबर 1949 को आर एस एस को सप्ताहिक आर्गनाइजेशन ने संविधान को अभारतीय बताया था। मनुस्मृति को आदर्श प्राचीन कानून के रूप में प्रचारित
किया था। 12 दिसंबर 19 49
को RSS ने महिलाओ के समान अधिकारो का विरोध करते हुए बाबासाहेब अंबेडकर जी का पुतला जलाया था। जिलाध्यक्ष संतोष सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि आर एस एस ने संविधान को अहिंदु बताते हुए हिन्दु
केंद्रीत शाशन की बकालत किया था। सन 2000 में भाजपा की संविधान समीक्षा
आयोग ने संशोधन की मांग किया था। जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा भाजपा शुरुआत से
बाबू का विरोधी रही है आज गांधी कि विरासत पर हमला कर रही है। संघ परिवार नाथूराम गोडसे का महीमा
मंडन कर गांधी कि विरासत को कमजोर कर रही है भाजपाई अंबेडकर की
संविधान का सदैव विरोधी रही है। आरक्षण नीतीयो को कमजोर किया गया। दलित पिछड़ा वर्ग और जनजातीय समूह निशाना बनी ! कार्यकारी अध्यक्ष राशिद राजा अंसारी ने कहा 2024 चुनाव के दौरान भाजपाई नेताओं ने 400 सिटें मिलने पर संविधान बदलने की धमकी दिया था दलित और आरक्षण पर हमले के कई उदाहरण है 2018 में जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को कमजोर करने का प्रयास किया ! कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला महासचिव अरशद कलीम कयूम काजी मनोज कुमार हाडी , प्रवीण जायसवाल, इलियास अंसारी,रजाउददी अंसारी,नईम अंसारी, तनिम अंसारी, इस्लाम अन्सारी,अनवर अंसारी,रोहित सिंह,संतोष दास,रुक्मणी देवी, सहित अन्य थें।