निरसा(धनबाद) : सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविन्द सिंह जी का प्रकाश पर्व सिख समाज के श्रद्धालुओं द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास और कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर मनाया गया। इस उपलक्ष में सात जनवरी को कुमारधुबी बाजार स्थित गुरुद्वारा में अखंड पाठ रखा गया। अखंड पाठ की समाप्ति नौ जनवरी रविवार को हुई। प्रकाश पर्व का आयोजन सरसापहाड़ी स्थित गुरु नानक मिशन स्कूल परिसर में हुआ।प्रकाश पर्व में दरबार साहेब अमृतसर से आए हजूरी रागी जत्था भाई रंजीत सिंह ने गुरबाणी और शबद कीर्तन से आए श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। वहीं दरबार साहेब अमृतसर से आए कथा वाचक ज्ञानी बलदेव सिंह ने अपनी कथा के माध्यम से वर्तमान में देश की स्थिति पर प्रकाश डालने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सभी धर्म से ऊंचा और महान इंसानियत और मानवता का धर्म है। लेकिन आज हम इस बात को भूलकर आपसी जातिवाद में बंट चुके हैं। आज विश्व कोरोना नामक वैश्विक महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में हमें एकजुट होकर इस महामारी का खात्मा करना है।साथ ही गुरुबाणी के अनुसार जरूरतमंदों की हरसंभव मदद भी करनी है। आज की युवा पीढ़ी अपने पूर्वजों के किए गए बलिदान को भूल गई है।भूल गई है कि कितनी कुर्बानियों के बाद ये सिक्खी का ताज नसीब हुआ हुआ है।जरूरत है हमें अपने इतिहास को अपने बच्चों को बताएं और उन्हें इसकी बारीकी से जानकारी दें।ताकि वह लोग भी समाज में कल्याण के कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें।

