धनबाद गर निगम क्षेत्र में 28 जगहों पर लगे 116 सीसीटीवी कैमरों में 26 कैमरे खराब है. ऐसे में CCTV के माध्यम से शहर के प्रमुख चौक चौराहें और निगम के क्षेत्र की निगहबानी सही ढंग से नहीं हो पा रही है. बता दें कि अगर रणधीर वर्मा चौक पर सीसीटीवी कैमरे नहीं होते तो यह पता नहीं चलता की धनबाद के (एडीजे अष्ठम) जज उत्तम आनंद की मौत कैसे हुई. कई मैमलों में सीसीटीवी कैमरे ने ही पुलिस, सीबीआई को सही जांच की दिशा दिखाई है. वहीं कैमरे लगे होने से पुलिस अनुसंधान में काफी मदद मिलती है. इन्हीं सब कारणों से कैमरे लगाए गए थे. लेकिन इनके रखरखाव के प्रति निगम अपनी जवाबदेही का निर्वहन नहीं कर पा रहा है.
मैपल कंपनी को मेंटेनेंस का हो रहा regular भुगतान
पिछले रघुवर सरकार में धनबाद जिला नियंत्रण कक्ष में सिटी सर्विलांस का उद्घाटन 18 अगस्त 2017 को पूर्व मेयर शेखर अग्रवाल ने किया था. तब नगर निगम ने सीसीटीवी लगाने में करीब 05 करोड़ रुपया खर्च किया था. निगरानी की जिम्मेवारी पुलिस पर है. जबकि कैमरों के मेंटेनेंस की जिम्मेवारी जमशेदपुर की कंपनी मैपल को दी गई है. बता दें कि मैपल को निगम से मेंटेनेंस का खर्च भुगतान हो रहा है. ऐसे में चौक-चौराहे का CCTV खराब रहना और पुलिस या प्रशासन द्वारा निगम पर दबाव नहीं देना, अपने-आप में ही कई सवाल खड़े करता है.
केबल कनेक्शन में चाक-चौबंद की कमी
धनबाद निगम के उप नगर आयुक्त राजेश कुमार सिंह का कहना है कि कभी सड़क खुदाई के कारण, कभी मोबाइल कंपनी वाले तो कभी गैस पाईप लाइन वाले की केबल बिछाने के दौरान सीसीटीवी कैमरे के केबल काट दिए जाते है. इस वजह से कैमरे काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में ये उन विभागों की जिम्मेदारी बनती है कि काम ख्तम होने के बाद सीसीटीवी कैमरे के केबल का कनेक्शन वापस से जोड़ दिया जाए. बता दें कि सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग जिला नियंत्रण कक्ष के पुलिस कंट्रोल रूम से की जाती है. लेकिन वहां की व्यवस्था भी चाक-चौबंद नहीं है.
क्या कहते है एसएसपी और एसडीएम
इधर इस मामले में जिला एसएसपी संजीव कुमार का कहना है कि कैमरों को ठीक करने के लिए धनबाद उपायुक्त औऱ नगर आयुक्त से चर्चा की गई है. जल्द ही शहर के चौराहों पर बंद पड़े कैमरे ठीक कराए जाएंगे. इसके साथ ही कुछ नए कैमरे भी लगाएं जाएंगे. जिलाप्रशासन के साथ जिला चैम्बर और दूसरे लोगों ने भी सहयोग करने की बात कहीं है. वहीं धनबाद एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी ने भी बताया कि ख़राब कैमरे को ठीक कराने के मुद्दे पर डीसी औऱ नगर आयुक्त से बात हुई है. गौरतलब है कि कैमरों के खराब होने से पुलिस को अनुसंधान में परेशानी होती है. कैमरे अगर सही ढंग से काम करते रहे तो पुलिस के लिए किसी भी अपराध का खुलासा करना बहुत आसान रहता है.