लालजी यादव अमर रहे, दोषियों को फांसी दो, साहिबगंज की सड़कों पर जनाक्रोस



रांची : शहीद का दर्जा दो दर्जा दो, पलामू पुलिस हाय-हाय के नारों से साहिबगंज की सड़कें गूंज उठी। हजारों लोग निलंबित थानेदार लालजी यादव को शहीद का दर्जा देने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर स्‍वत: सड़कों पर उतर आए। नारेबाजी की, घंटों सड़क को जाम किया। आक्रोशित लोगों का कहना है कि लालजी यादव के साथ बहुत गलत हुआ। इसमें गहरी साजिश है। लालजी को शहीद का दर्जा मिले, नहीं तो ये आंदोलन चलता रहेगा। गुरुवार को जैसे ही लालजी यादव की डेड बॉडी साहिबगंज पहुंची। वैसे ही हजारों लोग सड़क पर आ गये और नारेबाजी करने लगे। जाम की वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई।वहीं लालजी के भाई संजीत का कहना है कि वह कभी सुसाइड नहीं कर सकता। यह मर्डर केस है। हमलोग री-पोस्‍टमार्टम रिम्‍स में कराना चाहते थे। नहीं हो सका। अगर होता तो सारा राज खुल जाता। माहौल ऐसा बनाया गया कि रिम्‍स में पोस्‍टमार्टम न हो सके। हमलोग मरते दम तक इस लड़ाई को लड़ेंगे और सच्‍चाई सामने लाकर ही दम लेंगे। चाहे जिस कोर्ट में जाना पड़े। दुनिया को अलविदा कह गये लालजी यादव के भाई संजीत को पलामू में हुये पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं। उनका इल्‍जाम है कि थानेदार लालजी यादव माफिया तंत्र खासकर बालू माफिया के लिए काल थे। वह लोगों को खटकने लगा था। कई दुश्‍मन बन गये थे। संजीत ने कहा कि अगर सच्‍चाई जानना हो तो पलामू की जनता से पूछें लालजी ने उनके लिए क्‍या किया। 10 हजार से ज्‍यादा लोग रोड पर उतर आए थे। जनाक्रोश उबाल पर था। हर कोई पलामू पुलिस को कोसा, नारेबाजी तक की। उनका एफआईआर तक नहीं लिया गया। वहीं उनकी पत्‍नी पूजा कुमारी इंसाफ मांग रही है। वह दो बच्‍चों की मां है। भापजा नेत्री शोभा यादव ने भी कहा कि थानेदार लालजी यादव के साथ बहुत गलत हुआ। जबतक उनकी मौत के पीछे छुपे राज खुलकर सामने नहीं आ जाती तबतक संघर्ष जारी रहेगा।

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