हजारीबाग प्रमंडलीय सदर अस्पताल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अपग्रेड हुआ तो कई व्यवस्थाएं बदली। वर्षों से बंद पड़ा ट्रॉमा सेंटर सुचारू हुआ तो हजारीबाग वासियों को एक आस जगी की शायद अब यहां की आपातकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ होगी और लोगों को इसका लाभ मिलेगा। लेकिन लगभग दो वर्ष बीतने के बावजूद भी हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ट्रामा सेंटर की स्थिति ड्रामा सेंटर जैसी ही बनी हुई है। ट्रामा सेंटर में एक बड़े से कमरे को इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर के रूप में विकसित करने का कार्य शुरू हुआ। जिसमें जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफटी फंड की लाखों की राशि से ओटी के लिए संसाधन उपलब्ध कराया गया। इस ओटी में दो एसी लगाए गए। एक कैजुअल्टी ऑपरेशन थिएटर के रूप में विकसित कर इसे संसाधन से लैस किया गया। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही और अनदेखी का नतीजा है कि पिछले करीब एक साल से बनकर तैयार यह सीओटी में संसाधन धूल फांक रहे हैं और इसके दरवाजे पर ताला जड़ा हुआ है ।
हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल के मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के सीओटी में धूल फांक रहे संसाधन , यहां ताला जड़ा होने और इसके शुचारू नहीं होने की स्थिति में आपातकालीन ट्रामा मरीजों के इलाज में हो रही समस्या को लेकर गंभीरता दिखाई है और एचएमसीएच के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. विनोद कुमार और सर्जरी एचओडी
डॉ. ओ.पी. श्रीवास्तव से मिलाकर कर इस विषय में पूरी जानकारी से उन्हें अवगत कराते हुए तत्काल ट्रामा सेंटर में तैयार इमरजेंसी ओटी को चालू करने की मांग की। सुपरिटेंडेंट और सर्जरी एचओडी ने विधायक मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी को आश्वस्त करते हुए कहा कि जल्द सीओटी को शुचारू किया जाएगा। मौके पर विधायक मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी ने कहा कि एचएमसीएच में ऊंची दुकान फीके पकवान वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। यहां प्रबंधकीय लापरवाही के कारण लाखों के मेडिकल इक्विपमेंट बेकार पड़े हुए हैं और कई जगह धूल फांक रहे हैं इसके उपयोग की ना सोचकर अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी लगातार राशि निकासी के लिए नए-नए संसाधन की खरीदारी करने में जुटे हैं। विधायक मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी ने बताया कि अगर ट्रामा सेंटर का कैजुअल्टी ऑपरेशन थिएटर सुचारू हो जाता है और यहां चिकित्सक सहित मानव संसाधन उपलब्ध रहते हैं तो आपातकालीन ट्रामा मरीजों के लिए यह ओटी वरदान साबित होगा ।

